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JAMMU. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी का ऐलान कर दिया है। उनकी पार्टी का नाम 'डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी' है। जम्मू में प्रेसवार्ता कर उन्होंने नाम की घोषणा की। आजाद ने पिछले महीने कांग्रेस से अपना पांच दशक से अधिक पुराना नाता तोड़ दिया था। वे तीन दिवसीय दौरे पर रविवार को जम्मू आए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी की विचारधारा उनके नाम की तरह होगी और इसमें सभी धर्मनिरपेक्ष लोग शामिल हो सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना मुख्य एजेंडा
नई पार्टी को लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमें करीब 1,500 नाम उर्दू, संस्कृत में भेजे गए थे। हिन्दी और उर्दू का मिश्रण 'हिंदुस्तानी' है।य़ हम चाहते थे कि नाम लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और स्वतंत्र हो, इसलिए पार्टी का ये नाम तय हुआ। हम पार्टी का एजेंडा भी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। इसमें जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना, भूमि व नौकरियों के अधिकार स्थानीय लोगों के लिए सुरक्षित करने के लिए संघर्ष जारी रखना शामिल है।
42 साल पहले लड़ा था पहला संसदीय चुनाव
1973 में गुलाम नबी आजाद ने डोडा जिले के भलेसा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव के रूप में राजनीति की शुरुआत की थी। इसके बाद उनकी सक्रियता और शैली को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें युवा कांग्रेस का अध्यक्ष चुना। मार्च 2022 में गुलाम नबी आजाद को पद्मभूषण से नवाजा गया। उन्होंने महाराष्ट्र से 1980 में पहला संसदीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 1982 में उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया गया। मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली दूसरी यूपीए सरकार में आजाद ने स्वास्थ्य मंत्री का पदभार संभाला था।
2005 में आजाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बनाए गए। आजाद के जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में 21 सीटों पर जीत का परचम लहराया। इसके परिणाम स्वरूप कांग्रेस प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनकर उभरी थी। 2008 में अमरनाथ भूमि आंदोलन के चलते उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
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