लखनऊ. 3 अप्रैल को गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में हमले की साजिश सामने आई। मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवानों पर एक शख्स अहमद मुर्तजा अब्बासी ने हमला कर दिया। 4 अप्रैल को इसका वीडियो सामने आया। अब्बासी के लैपटॉप और मोबाइल फोन की जांच में एजेंसियों के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं। जानकारी के मुताबिक, अब्बासी प्रतिबंधित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक को फॉलो करता है। वह यूट्यूब पर जाकिर को सुनता था। एसटीएफ, एटीएस और पुलिस की टीम ने कुछ वीडियो जब्त भी किए हैं।
अब्बासी की पेन ड्राइव में भी भड़काऊ वीडियो मिले हैं। मोबाइल फोन में जितने भी नंबर फीड हैं, उनको खंगाला जा रहा है। मोबाइल के ज्यादातर नंबर मुंबई के हैं। जानकारी के अनुसार, हमले के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी से पूछताछ के बाद पुलिस की पांच टीमें उसके हर बयान की गहनता से जांच कर रही हैं। पुलिस के साथ ही एटीएस व एसटीएफ की टीमें हमले से जुड़ी एक-एक बिंदु के तार खंगाल रही हैं। एटीएस की टीम ने गोरखनाथ मंदिर जाकर अब्बासी के आने और पकड़े जाने की जगह की जांच की है। इसका नक्शा बनाया गया है।
हमलावर IIT से पासआउट
उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि हमलावर अहमद मुर्तजा अब्बासी के लैपटॉप जो डीटेल्स मिलीं, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि यह आतंकी घटना है। एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) दोनों मिलकर हमले की जांच कर रही है। हमलावर अब्बासी ने 2015 में मुंबई आईआईटी से केमिकल इंजीनियरिंग की थी। 3 अप्रैल की शाम करीब 7.20 बजे PAC जवानों पर हमला किया गया। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी मौके से भाग खड़े हुए थे।
मुर्तजा हाथ में हथियार लिए गोरखनाथ मंदिर और थाने के ठीक सामने वाली सड़कों पर दौड़ता रहा। पब्लिक और पुलिस वाले उसे देख भागते रहे। इस बीच मुर्तजा ने 'अल्लाह हू अकबर' का नारा भी लगाया। वह चिल्ला-चिल्लाकर पुलिस वालों से कह रहा था- मैं चाहता हूं कि तुम लोग मुझे गोली मार दो। अब्बासी किसके कहने और किस इरादे से गोरखनाथ मंदिर परिसर में प्रवेश करना चाहता था, इस पर जांच एजेंसियां खुलकर नहीं बोल रही हैं।
ज्यादा बातचीत नहीं करता था
एटीएस ने अब्बासी के चार करीबियों से पूछताछ की है। मोबाइल और परिवारवालों से बातचीत से एटीएस को पता चला कि मुर्तजा की दोस्ती बहुत ज्यादा लोगों से नहीं है। कुछ खास लोगों से ही वह बातचीत करता था। जांच के दौरान अहमद मुर्तजा अब्बासी के कमरे से अरबी भाषा में लिखी एक किताब भी मिली है। 2 अप्रैल को लखनऊ की नंबर प्लेट लगी एक बाइक से दो लोग अब्बासी से मिलने उसके घर आए थे। करीब एक घंटे तक मुलाकात हुई थी। इसके बाद ही वह घर से लापता हो गया था। 3 अप्रैल को उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां से 11 अप्रैल तक पुलिस रिमांड में भेज दिया गया।
पिता ने बेटे को सुसाइडल टेंडेंसी का बताया
एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में अहमद मुर्तजा अब्बासी के पिता मुनीर अब्बासी ने अपने बेटे को मानसिक रोगी बताया। कहा कि वह बचपन से ही बीमार था, जिसको हम नहीं समझ पाए। 2018 में आते-आते इस बीमारी ने भयानक रूप ले लिया। नौकरी के दौरान भी महीने-महीने बिना सूचना के कमरे में पड़ा रहता था। नौकरी पर नहीं जाता था। हमने उसका जामनगर, अहमदाबाद में भी इलाज करवाया। वह अकेले नहीं रह सकता, स्टेबल नहीं है। अक्टूबर 2020 में हम लौटकर गोरखपुर आए थे। वह हमारे साथ ही कमरे में सोता है।
मुनीर ये भी बताते हैं- 'मैं 28 मार्च को मुंबई गया था। वहां हमारा फ्लैट है, उसको किराए पर उठाने के लिए गया था। 2 अप्रैल को मैं इंडिगो की फ्लाइट से वापस आया था। उसके पास से बरामद बैग में मेरे ही बोर्डिंग के पास लगे हैं। हम कुछ दिन पहले तमिलनाडु के कोयंबटूर इनके नानी-नाना के यहां गए थे। उसकी शुरू से सुसाइडल टेंडेंसी थी। मैंने साइकिल दिलाई तो कहता था कि मन करता है, कभी कार से लड़ा दूं। लगता है वह अपनी जान देने के लिए वहां (गोरखनाथ मंदिर) गया था। जो लैपटॉप बरामद हुआ, उसे खरीदा गया है। उसके लिए 1 लाख मैंने दिए, 94000 हजार उसने दिए। इसे ऑनलाइन मंगाया था। यह सब रिकॉर्ड में है।'
कौन है जाकिर नाइक?
जाकिर नाइक एक इस्लामिक धर्मगुरु है। 2016 में सरकार ने नाइक के NGO इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पर बैन लगाया था। 5 साल के लिए लगाए गए इस बैन के खत्म होने से पहले ही सरकार ने इसे दोबारा बढ़ा दिया है। जुलाई 2016 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 5 आतंकियों ने एक हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 29 लोग मारे गए थे। इस घटना की जांच में जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया उनमें से एक ने बताया था कि वो जाकिर नाइक के भाषणों से प्रभावित है। इसके बाद मुंबई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने मामले की जांच की। शुरुआती जांच के बाद जाकिर नाइक के NGO पर UAPA के तहत बैन लगा दिया गया। 2016 में ही जाकिर भारत छोड़कर मलेशिया भाग गया था।
हमलावरों के निशाने पर योगी और गोरखनाथ मंदिर
- 5 फरवरी 2022 को सोशल मीडिया पर लेडी डॉन नाम से गोरखनाथ मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी आई थी। सीएम योगी पर भी हमला करने की बात कही गई थी। पुलिस ने गोरखपुर में केस दर्ज किया था।