GUJARAT RIOTS: बिलकिस बानो रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषी रिहा, माफी नीति के तहत आए बाहर

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Atul Tiwari
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GUJARAT RIOTS: बिलकिस बानो रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषी रिहा, माफी नीति के तहत आए बाहर

AHMEDABAD/MUMBAI. गुजरात में गोधरा कांड के दौरान बिलकिस बानो गैंगरेप केस में दोषी सभी 11 सजायाफ्ता कैदियों को स्वतंत्रता दिवस पर रिहा कर दिया गया है। 15 अगस्त को ये लोग गोधरा उप जेल से बाहर निकले। गुजरात सरकार ने अपनी छूट नीति के तहत रिहा करने की अनुमति दी थी।



ये था मामला



गुजरात में 2002 गोधरा कांड हुआ था। 3 मार्च 2002 को दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव में बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप हुआ था और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। जब वारदात को अंजाम दिया गया था, तब बिलकिस बानो 5 महीने की गर्भवती थी। घटना के आरोपियों को 2004 में गिरफ्तार किया गया था।



अहमदाबाद में ट्रायल शुरू हुआ। हालांकि, बिलकिस बानो ने आशंका जताई थी कि गवाहों को नुकसान पहुंचाया जा सकता है और CBI द्वारा जुटाए सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2004 में इस केस को मुंबई ट्रांसफर कर दिया था।



बॉम्बे हाईकोर्ट ने सजा बरकरार रखी



मामले में 21 जनवरी,2008 को मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 11 आरोपियों को दोषी पाया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा।



पहले हाईकोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई



इन दोषियों ने 18 साल से ज्यादा सजा काट ली थी, जिसके बाद राधेश्याम शाही ने धारा 432 और 433 के तहत सजा को माफ करने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। HC ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि उनकी छूट के बारे में फैसला करने वाली 'उपयुक्त सरकार' महाराष्ट्र है. न कि गुजरात।



राधेश्याम शाही ने तब सुप्रीम कोर्ट में एक पिटीशन दायर की और कहा कि वे 1 अप्रैल, 2022 तक बिना किसी छूट के 15 साल 4 महीने जेल में रहे। 13 मई को SC ने कहा कि चूंकि अपराध गुजरात में किया गया था, इसलिए गुजरात राज्य राधेश्याम शाही के आवेदन की जांच करने के लिए उपयुक्त सरकार है।



SC ने दिया फैसला



सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को 9 जुलाई 1992 की नीति के अनुसार समय से पहले रिहाई के आवेदन पर विचार करने का निर्देश दिया और कहा कि दो महीने के भीतर फैसला किया जा सकता है।



पंचमहल कलेक्टर सुजल मायात्रा ने बताया कि शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को उनकी सजा में छूट के मसले पर गौर करने का निर्देश दिया था। इसके बाद सरकार ने एक कमेटी का गठन किया। इस पैनल की अध्यक्षता कलेक्टर ने की। 



कलेक्टर ने बताया कि कमेटी ने घटना के सभी 11 दोषियों को रिहा करने के पक्ष में सर्वसम्मति से फैसला लिया। राज्य सरकार को सिफारिश भेजी गई थी और कल हमें उनकी रिहाई के आदेश मिले।



इन दोषियों को समय से पहले रिहा किया गया...



1. राधेश्याम शाही

2. जसवंत चतुरभाई नाई

3. केशुभाई वदानिया

4. बकाभाई वदानिया

5. राजीवभाई सोनी

6. रमेशभाई चौहान

7. शैलेशभाई भट्ट

8. बिपिन चंद्र जोशी

9. गोविंदभाई नाई

10. मितेश भट्ट

11. प्रदीप मोढिया

 


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