UTTARKASHI. उत्तराखंड की सिल्क्यारा टनल में 41 मजदूरों को फंसे हुए 16 दिन बीत चुके हैं। वहीं उनके रेस्क्यू के हरसंभव प्रयास जारी हैं। इसी बीच उत्तराखंड में मौसम विभाग ने 24 घंटे में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना के चलते अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों का मानना है कि मौसम की इस बेरुखी से रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कतें आ सकती हैं।
कल यह हुआ
सोमवार को सिल्क्यारा की तरफ से फंसे ऑगर मशीन के 13.9 मीटर लंबे पार्ट्स को काटकर निकाल लिया गया। उत्तराखंड के सचिव डॉ नीरज खैरवाल ने जानकारी दी कि पाइप में फंसे ऑगर मशीन के ब्लेड, सॉफ्ट और अन्य पार्ट्स को काटकर बाहर निकाला गया है। रैट माइनर्स ने मैन्युअल ड्रिलिंग के जरिए पाइप को तकरीबन एक मीटर आगे धकेला है। दूसरी तरफ सुरंग में की जा रही वर्टिकल ड्रिलिंग 36 मीटर तक की जा चुकी है। बता दें कि मशीन के ब्लेड फंस जाने की वजह से हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग 24 नवंबर से बंद थी।
पीएम ने की देशवासियों से अपील
इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अपील की है कि वे उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए प्रार्थना करें। पीएम ने कहा कि सरकार मजदूरों को बाहर निकालने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है।
86 मीटर तक करनी है वर्टिकल ड्रिलिंग
बता दें कि हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग न हो पाने की वजह से मजदूरों को बाहर निकालने 86 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है। अब तक 36 मीटर ड्रिलिंग की जा चुकी है। रैट माइनर सुरंग के अंदर जाकर मैन्युअल ड्रिलिंग कर रहे हैं। इस रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेने उत्तराखंड शासन के साथ-साथ केंद्र से भी अधिकारियों का आना जाना लगा हुआ है।
इस तरह होती है रैट माइनिंग
रैट माइनिंग यानि चूहे की तरह ड्रिलिंग, इसमें पतले से पैसेज में अंदर जाकर खुदाई करने वाले मजदूरों को रैट माइनर्स कहते हैं। इस प्रकार की ड्रिलिंग करने के लिए स्पेशल प्रशिक्षण, योग्यता और अभ्यास की आवश्यकता होती है। ये रैट माइनर्स 800 एमएम के पाइप में घुसकर ड्रिलिंग को अंजाम दे रहे हैं।