नई दिल्ली. 15 दिसंबर को ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group captain varun singh) का निधन हो गया। हेलिक्रॉप्टर क्रैश (Helicopter crash) के दौरान वरुण सिंह जनरल सीडीएस बिपिन रावत (Bipin Rawat) के साथ सवार थे। हादसे में सवार 14 लोगों में से सिर्फ सिंह ही एक मात्र जीवित बचे थे। उन्हें इलाज के लिए वेलिंगटन के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उन्हें बेंगलुरु में शिफ्ट किया गया। यहां वे पिछले 7 दिनों से जिंदगी से जंग लड़ रहे थे।
PM ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को श्रद्धांजलि। देश के लिए उनकी सेवा को सभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने पराक्रम, अत्यंत पेशेवराना अंदाज से देश की सेवा की। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
Group Captain Varun Singh served the nation with pride, valour and utmost professionalism. I am extremely anguished by his passing away. His rich service to the nation will never be forgotten. Condolences to his family and friends. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 15, 2021
वरुण के पेरेंट्स भोपाल में रहते हैं
गैलेंट्री अवॉर्ड पाने वाले वरुण मिलिट्री फैमिली से आते हैं। उनका परिवार तीनों सेनाओं आर्मी, नेवी और एयरफोर्स (Army, Navy, Airforce) से जुड़ा है। वरुण भारतीय वायुसेना (IAF) में ग्रुप कैप्टन हैं। उनके पिता कर्नल (Retd) केपी सिंह आर्मी एयर डिफेंस (AAD) की रेजीमेंट में थे। कर्नल केपी सिंह के बेटे और वरुण के भाई तनुज सिंह इंडियन नेवी में लेफ्टिनेंट कमांडर हैं। वरुण के पिता कर्नल केपी सिंह और मां उमा भोपाल में ही रहते हैं। एक अखबार के साथ से बातचीत में उन्होंने कहा- मेरा बेटा बहादुर है और वह हर कंडीशन में लड़ना जानता है।
वरुण को शौर्य चक्र मिल चुका
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को इसी साल स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र (Shourya Chakra) से सम्मानित किया था। उन्हें यह अवॉर्ड फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बावजूद 10 हजार फीट की ऊंचाई से प्लेन की सफल लैंडिंग कराने के लिए दिया गया था। वरुण ने आपदा (Emergency) के समय धैर्य (Patience) नहीं खोया और आबादी से दूर ले जाकर तेजस विमान की सफल लैंडिंग कराई थी।
दो हफ्ते पहले ही भोपाल आए थे वरुण
वरुण के पिता केपी सिंह मूल रूप से लखनऊ (Lucknow) के रहने वाले हैं, लेकिन भोपाल की कोर 24 से रिटायर्ड होने के बाद यहीं बस गए। वे भोपाल की एयरपोर्ट स्थित सनसिटी कॉलोनी के इनरकोर्ट अपार्टमेंट की 5वीं मंजिल पर रहते हैं। सिंह के पड़ोसी और लेफ्टिनेंट कर्नल ईशान आर ने बताया कि दो हफ्ते पहले ही वरुण भोपाल आए थे और 10 दिन रुके थे।
सर्जरी के लिए ले जाने से पहले पत्नी से करना चाहते थे बात
वरुण को इलाज के लिए वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया। चेन्नई से स्पेशलिस्ट डॉक्टर को बुलाकर 8 दिसंबर की रात वरुण का ऑपरेशन किया गया। वे सर्जरी के लिए ले जाने से पहले होश में थे और अपनी पत्नी से बात करना चाहते थे। वरुण सिंह के परिवार में पत्नी और एक बेटा-बेटी है। उन्हें CDS बिपिन रावत को रिसीव करने के लिए प्रोटोकॉल ऑफिसर बनाया गया था। वरुण ने चंडीगढ़ के चंडी मंदिर स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। 2004 में उनका NDA में सिलेक्शन हुआ।
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