DELHI:  किसकी होगी शिवसेना शिंदे या उद्धव! महाराष्ट्र के राजनीतिक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई

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Vivek Sharma
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DELHI:  किसकी होगी शिवसेना शिंदे या उद्धव! महाराष्ट्र के राजनीतिक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई

Delhi. शिवसेना के एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट के अलग होने के बाद और शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में नई सरकार (Maharashtra New Government) के गठन के बाद शिवसेना (Shiv Sena) किसकी है,, इस पर विवाद इतना गहराया है कि मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचा है. इस राजनीतिक विवाद से जुड़े सभी मामलों पर सुप्रीम कोर्ट आज 3 अगस्त को सुनवाई करेगा। ये सुनवाई पहले 1 अगस्त, सोमवार को होने वाली थी, जो टल गई थी और इसकी सुनवाई की तारीख बुधवार, 3 अगस्त को तय की गई थी। चीफ जस्टिस एनवी रमना (Chief Justice NV Ramana), जस्टिस कृष्ण मुरारी (Justice Krishna Murari)और हिमा कोहली (Justice Hima Kohli) की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.



20 जुलाई को हुई थी सुनवाई



इससे पहले 20 जुलाई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने यह संकेत दिया था कि मामले की सुनवाई के लिए संविधान पीठ का गठन किया जा सकता है। उस दिन कोर्ट ने सभी पक्षों से कहा था कि वह आपस में बात कर सुनवाई के बिंदुओं का एक संकलन जमा करवाएं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दोनों गुटों के नेताओं की कई याचिकाएं लंबित हैं और इन याचिकाओं में विधायकों की अयोग्यता, राज्यपाल की तरफ से शिंदे गुट को आमंत्रण देने, विश्वास मत में शिवसेना के दो व्हिप जारी होने जैसे कई मसलों को उठाया गया है।



शिंदे-उद्धव दोनों गुटों ने रखी है अपनी-अपनी मांग



उद्धव ठाकरे गुट ने नई याचिका दाखिल कर यह मांग भी की है कि सुप्रीम कोर्ट शिवसेना के चुनाव चिह्न को आवंटित करने के लिए चुनाव आयोग में चल रही प्रक्रिया पर रोक लगाए। उद्धव कैंप की एक और याचिका में लोकसभा स्पीकर की कार्रवाई को भी चुनौती दी गई है. तो वहीं, इस याचिका में शिंदे पक्ष के सांसद राहुल शेवाले को लोकसभा में पार्टी के नेता और भावना गवली को चीफ व्हिप के रूप में मान्यता दी जाने का विरोध किया गया है.



पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिया था निर्देश



पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता जैसे मसलों पर यथस्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि मामले से जुड़े विधानसभा के सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखे जाएं। आज कोर्ट यह तय कर सकता है कि मामले में उठाए जा रहे संवैधानिक सवालों के चलते क्या उसे 5 जजों की संविधान पीठ को सौंपा जाए। ऐसी सूरत में कोर्ट आगे की सुनवाई की रूपरेखा भी तय कर सकता है। किसी भी पक्ष की ओर से अगर किसी अंतरिम राहत की मांग की जाती है, तो 3 जजों की बेंच उस पर भी विचार कर सकती है।



किन-किन याचिकाओं पर होगी सुनवाई?




  • शिंदे गुट के 16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द के नोटिस के खिलाफ याचिका पर


  • डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर

  • शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने और फ्लोर टेस्ट के खिलाफ याचिका पर

  • शिंदे गुट को विधानसभा में शिवसेना दल के रूप मान्यता के खिलाफ याचिका पर

  • लोकसभा में शिंदे गुट को शिवसेना दल के रूप में मान्यता देने के खिलाफ याचिका पर



  •  मंत्रिमंडल विस्तार अटका



    30 जून को महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे के साथ डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ली थी। उनके शपथ ग्रहण के बाद से मंत्रिमंडल विस्तार का कार्यक्रम अटका हुआ है। विधायकों की सदस्यता पर फैसला होने के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार होने की संभावनाएं है




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