DELHI: 31 जुलाई तक करें ITR फाइल: इन डिटेल्स का फिल करना है जरूरी, नहीं तो मिलेगा नोटिस

author-image
The Sootr CG
एडिट
New Update
DELHI: 31 जुलाई तक करें ITR फाइल: इन डिटेल्स का फिल करना है जरूरी, नहीं तो मिलेगा नोटिस

DELHI. अगर आपने अब तक आईटीआर (Income Tax Return)  फाइल नहीं किया है तो जल्द करें। फाइनेंशियल ईयर (Fiscal year) 2021-22 का आईटीआर 31 जुलाई तक भरा जाएगा। आईटीआर फाइल करते समय लोग कई गलतियां कर देते हैं और कई डिटेल्स अपडेट नहीं करते। जानिए आईटीआर से जुड़ी वे डिटेल्स जिनको टैक्सपेयर का फिल करना है जरूरी...





सही फॉर्म का चुनाव करें





आयकर विभाग (Income Tax Department) ने कई ITR फॉर्म निर्धारित किए हैं। आपको अपनी इनकम की सोर्स के आधार पर अपना फार्म सिलेक्ट करना होगा। यदि आप गलत फॉर्म का चुनते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपका फॉर्म रिजेक्ट कर देगा। फिर आपको इनकम टैक्स के सैक्शन 139 (5) के तहत रिवाइज्ड रिटर्न की लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा। 





गलत आय देने पर नोटिस होगा जारी





अपनी आय की सही जानकारी दें और आय का सोर्स भी सही बताएं। गलत जानकारी देने पर आयकर विभाग नोटिस जारी कर सकता है। इस जानकारी के साथ सेविंग्स अकाउंट के इंट्रेस्ट और हाउस रेंट की भी जानकारी देना जरूरी है। 





पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था में से अपने लिए सही ऑप्शन चुनें





करदाताओं (taxpayers) को इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने के दो ऑप्शन मिलते हैं। आयकर विभाग द्वारा 1 अप्रैल 2020 को आई टी आर फाइल करने का नया ऑप्शन दिया गया था। न्यू टैक्स स्लैब (New tax slab) में 5 लाख रुपए से ज्यादा इनकम पर टैक्स रेट (Tax rate) कम रखा गया। लेकिन डिडक्शन (Deduction) छीन लिया गया। वहीं आप पुराना टैक्स स्लैब (old tax slab) का चयन करते हैं तो कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा उठा सकते हैं। 





रजिस्टर्ड बैंक अकाउंट्स की डिटेल्स दें





ज्यादातर लोग अपने सभी बैंक अकाउंट्स की डिटेल्स नहीं देते हैं। जिसका यूज उन्होंने उस वित्तीय वर्ष (Fiscal year) में किया था। ऐसा करने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा अधिनियम भी पारित हो चुका है। इस अधिनियम में ये क्लियरली कहा गया है कि टैक्स पेयर्स को अपने रजिस्टर्ड बैंक अकाउंट की जानकारी देना अनिवार्य है। 





सही टैक्स रिटर्न फाइल करें





अपना टैक्स रिफंड (Tax refund) क्लेम करने से पहले अपना टीडीएस जांच लें। टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट (Tax credit statement) या फॉर्म 26AS आपकी इनकम से कटे टीडीएस (TDS) के भुगतान की सारी जानकारी देता है। टैक्सपेयर को इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले Form 26AS और Form 16/16A से इनकम मिलाने के लिए कहा जाता है। यह आपकी टैक्स कैलकुलेशन से जुड़ी गलतियों से बचाता है। इससे आप सही टैक्स रिटर्न फाइल करेंगे।





टैक्स रिटर्न वैरिफाई कराएं





कई बार लोग टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद वैरिफाई नहीं करते। फाइल्ड टैक्स रिटर्न को वैरिफाई करना जरूरी है। इसे वैरिफाई करने का एक तरीका ये है कि सीपीसी (central pay commission)- बैगलुरू भेज कर वैरिफाई कराएं या दुसरा तरीका ये भी है कि आप इसे ऑनलाइन भी वैरिफाई करा सकते हैं। इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल से अपने टैक्स रिटर्न को ई-वेरिफाई कर सकते हैं ।





गिफ्ट्स की जानकारी भी जरूरी





इनकम टैक्‍स के नियमों के तहत अगर आपको एक साल में 50 हजार रुपए से अधिक कीमत का गिफ्ट मिला है तो इस पर आपको टैक्‍स देना होगा। इस बात का आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त ध्यान रखना होगा। 





विदेशी बैंक अकाउंट की दें जानकारी





यदि टैक्सपेयर का किसी फॉरन कंट्री मे भी बैंक अकाउंट है तो उसकी भी जानकारी उसे देनी होगी। इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक इंडिया के सभी टैक्सपेयर्स को अपने सभी विदेशी बैंक अकाउंट्स और विदेशी संपत्तियी की डिटेल्स देनी होती है। यदि किसी टैक्स पेयर ने फॉरन कंट्री में शेयर या म्यूचुअल फंड में इनवेस्ट किया है तो उसकी भी जानकारी डिटेल्स में फिल करनी होगी। 







 



निवेश Fund फंड Tax Income return bank account mutual fund investment shares आय कर रिटर्न बैंक खाता म्यूचुअल फंड शेयर्स