CHANDIGARH. भारतीय वायुसेना (IAF) आज यानी 8 अक्टूबर को अपना 90वां स्थापना दिवस मना रही है। पहली बार कार्यक्रम गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस के बजाय चंडीगढ़ की सुखना लेक में हुआ। इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस अनिल चौहान और एयरफोर्स चीफ एयरमार्शल विवेक राम चौधरी शामिल हुए। इस मौके पर कई कार्यक्रमों के अलावा आसमान में भी वायुसेना की ताकत दिखी। हाल ही में स्वदेशी निर्मित लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (इसे प्रचंड नाम दिया गया है) को एयरफोर्स में शामिल किया गया है। इस बार प्रचंड ने भी करतब दिखाए। इस बार पहली बार कार्यक्रम गाजियाबाद के बजाय चंडीगढ़ में हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि बड़े कार्यक्रम दिल्ली (दिल्ली एनसीआर) के बाहर भी किए जाएं।
एयरचीफ मार्शल ने चौधरी ने कहा कि सरकार ने भारतीय वायुसेना में अधिकारियों के लिए एक हथियार प्रणाली शाखा दिशा बनाए जाने को मंजूरी दे दी है। इससे 3400 करोड़ की बचत होगी। तीनों सेनाओं के एकीकरण की प्रक्रिया चल रही है। परंपरागत हथियारों की जगह आधुनिक, आसान और तेजी से इस्तेमाल की जा सकने वाली टेक्नोलॉजी अपनाने की जरूत है, क्योंकि पिछले एक साल में जंग के तरीके बदल गए हैं।
भारतीय वायुसेना दुनिया में तीसरे नंबर पर
दुनिया के सबसे खतरनाक, ताकतवर और टॉप 10 वायुसेनाओं में पाकिस्तानी एयरफोर्स का कहीं नाम ही नहीं है। वर्ल्ड डायरेक्ट्री ऑफ मॉडर्न मिलिट्री एयरक्राफ्ट (WDMMA) द्वारा दी जाने वाली इस ग्लोबल एयर पावर्स रैंकिंग में भारत तीसरे पायदान पर है। चीन चौथे पर पहुंच गया है। ये रैंकिंग सिर्फ प्लेन्स की संख्या पर नहीं मिलती, बल्कि एयरफोर्स के मॉडर्नाइजेशन, लॉजिस्टिकिल सपोर्ट, अटैक करने, बचाव करने और भविष्य के प्रोक्योरमेंट की क्षमता पर मिलती है। इस मामले में इंडियन एयरफोर्स, अमेरिका और रूस के बाद तीसरे नंबर पर है। हमसे ज्यादा एयरक्राफ्ट रखने वाले चीन की रैंकिंग भारत से नीचे है।
अमेरिकी एयरफोर्स
अमेरिकी एयरफोर्स के पास 5209 एयरक्राफ्ट्स हैं, जिसमें से 4167 एयरक्राफ्ट किसी भी समय किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहते हैं। 124 देशों की रैंकिंग में अमेरिकी एयरफोर्स पहले नंबर पर आती है। इसके पास हमला करने वाले 1976 फाइटर जेट, सपोर्ट में 1692 एयरक्राफ्ट्स, ट्रेनिंग के लिए 1541 प्लेन हैं। भविष्य में यह 2419 एयरक्राफ्ट और खरीदने वाला है। अमेरिका के पास 152 बॉम्बर (बमवर्षक) एयरक्राफ्ट्स, 213 हेलिकॉप्टर्स और 677 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स हैं।
रूसी एयरफोर्स
रूसी एयरफोर्स के पास 3829 एयरक्राफ्ट हैं, जिसमें से 3063 किसी भी वक्त रेडी टू फ्लाई मोड में रहते हैं। रूस के पास 1507 अटैक, 1837 सपोर्ट और 485 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट्स हैं। भविष्य में 820 प्लेन शामिल किए जाने हैं। रूस के पास 125 बमवर्षक हैं। साथ ही 1364 हेलिकॉप्टर्स, 387 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, 19 रीफ्यूलर्स प्लेन हैं। स्पेशल मिशन के लिए 67 एयरक्राफ्ट्स हैं।
भारतीय वायुसेना
भारतीय वायुसेना के पास 1645 एयरक्राफ्ट्स हैं। राफेल के आने और तेजस फाइटर जेट के अपग्रेड और कई तरह के मॉडर्नाइजेशन की वजह से भारत की रैंकिंग चीन से ऊपर आ गई है। इसमें से 1316 एयरक्राफ्ट किसी भी समय जंग के लिए तैयार रहते हैं। भारत के पास 632 अटैक, 709 सपोर्ट और 304 ट्रेनिंग एयरक्राफ्टस हैं। भविष्य में 689 एयरक्राफ्ट्स खरीदे या बनाए जाएंगे। हमारी वायुसेना के पास 250 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स, 7 रीफ्यूलर्स और 14 स्पेशल मिशन एयरक्राफ्ट्स हैं। (फोटोः विकिपीडिया)
चीनी एयरफोर्स
चीनी वायुसेना के पास 2084 एयरक्राफ्ट्स हैं, जिसमें से 1667 एयरक्राफ्ट्स हर समय एक्टिव रहते हैं। चीन के पास 1453 अटैक, 370 सपोर्ट और 261 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट्स हैं। भविष्य के लिए वह फिलहाल ना तो कोई विमान बना रहा है, ना ही खरीद रहा है। इसलिए चीन की रैंकिंग भारत के नीचे चली गई है। चीन के पास 120 बॉम्बर्स, 65 हेलिकॉप्टर्स, 238 ट्रांसपोर्ट और 3 रीफ्यूलर्स हैं। 64 स्पेशल मिशन एयरक्राफ्ट्स हैं।
भारतीय वायुसेना 5 जंग लड़ चुकी है
8 अक्टूबर 1932 को अविभाजित भारत में वायुसेना की स्थापना की गई। भारत की वायुसेना सेकंड वर्ल्ड वॉर में शामिल हुई थी, जिसके लिए किंग जार्ज VI ने सेना को 'रॉयल' प्रीफिक्स से नवाजा था। आजादी के बाद भारत ने रॉयल प्रीफिक्स को हटा दिया। आजादी के बाद से अब तक भारतीय वायुसेना कुल 5 युद्ध लड़ चुकी है। इसमें से चार जंग भारत-पाकिस्तान और एक चीन के खिलाफ लड़ी गई। पाकिस्तान के खिलाफ 1948, 1965, 1971 और 1999 में इंडियन एयरफोर्स ने दमखम दिखाया। चीन के साथ 1962 के युद्ध में भी भारतीय वायुसेना ने अहम भूमिका निभाई। ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस और बालाकोट एयर स्ट्राइक भारतीय वायुसेना के प्रमुख ऑपरेशनों में शामिल हैं।