NEW DELHI. अगले हफ्ते से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के लिए राज्यसभा सांसदों के लिए निर्देश जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि राज्यसभा में उठाए जाने वाले विषयों की पब्लिसिटी नहीं होनी चाहिए। साथ ही जब तक स्पीकर नोटिस स्वीकृत न कर लें और इसकी जानकारी अन्य सांसदों को न दे दें, तब तक नोटिस सार्वजनिक नहीं होने चाहिए।
महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाने का नोटिस सार्वजिनक नहीं कर सकेंगे राज्यसभा सांसद
संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सांसदों को जारी निर्देशों में संसदीय परंपराओं और तौर-तरीकों का हवाला दिया गया। कहा गया कि अभी तक सांसद, खासतौर से विपक्ष के सांसद राज्यसभा में किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाने का नोटिस सार्वजनिक करते आए हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं करना है।
यह भी व्यवस्था दी गई
साथ ही सदन में थैंक्स, थैंक्यू, जय हिन्द, वंदे मातरम जैसे नारे न लगाए जाएं। साथ ही कहा गया है कि स्पीकर की ओर से दी गई व्यवस्था की सदन के भीतर या बाहर आलोचना नहीं होनी चाहिए।
सदन में तख्तियां लहराने पर रोक, आसंदी का पीठ न दिखाएं
जारी निर्देंश में राज्यसभा सदस्यों के लिए अप्रैल 2022 में प्रकाशित हैंडबुक में उल्लेखित संसदीय परंपराओं और तौर-तरीकों को याद दिलाया गया है। सदन में तख्तियां लहराने पर रोक है। साथ ही आसन को पीठ न दिखाई जाए।
स्पीकर के बोलते समय सदस्य सदन न छोड़ें
यह भी बताया गया कि जब स्पीकर बोल रहे हों तब कोई भी सदस्य सदन न छोड़े। स्पीकर के बोलते समय सदन में शांति होनी चाहिए। सदन में एक साथ दो सदस्य खड़े नहीं हो सकते। सदस्य सभापति के पास सीधे न आएं, वे अटेंडेंड के हाथों पर्ची भेज सकते हैं।
...तो उसकी सीट रिक्त घोषित की जाएगी !
सदस्यों को लिखित भाषण नहीं पढ़ने चाहिए। सदन में सदस्यों की उपस्थिति दर्ज होनी आवश्यक है। अगर बिना अनुमति के कोई सांसद साठ दिनों तक गैरहाजिर रहता है तो उसकी सीट खाली घोषित की जा सकती है। संसद परिसर में धूम्रपान पर पाबंदी है। सदन की कार्यवाही की वीडियोग्राफी करना मना है। कोई भी सांसद ऐसा न करे। नए सदस्य का पहला भाषण, मेडन स्पीच, 15 मिनट से अधिक का न हो और वे विषय से हट कर न बोलें।
राज्यसभा में 17 बिल होने हैं पास
गौरतलब है कि सरकार ने शीतकालीन सत्र के लिए राज्यसभा में सत्रह बिलों की सूची दी है, इनमें सात नए बिल हैं। इनके अलावा भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को भी लिस्टेड किया गया है। पोस्ट ऑफिस बिल और मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का बिल भी राज्य सभा में सूचीबद्ध है। इनके अलावा रिपिलिंग बिल है जो लोकसभा पारित कर चुकी है, लेकिन यह राज्यसभा में लंबित है। जम्मू कश्मीर से जुड़े चार बिल लोकसभा में लंबित हैं उन्हें भी राज्य सभा में लिस्टेड किया गया है।