Ranchi. झारखंड की खनन सचिव आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल (Pooja Singhal) को ED ने गिरफ्तार कर लिया है। सिंघल खूंटी में मनरेगा के धन के कथित गबन और अन्य आरोपों से जुड़ी धन शोधन जांच के सिलसिले में लगातार दूसरे दिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुईं। पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार (Arrested) कर लिया गया। एजेंसी ने उनके कारोबारी पति अभिषेक झा (Abhishek Jha) का भी बयान दर्ज किया है। एजेंसी ने मामले के सिलसिले में कोलकाता में फिर से छापे मारे। सूत्रों के मुताबिक, पूजा सिंघल के पति को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
जांच की शुरुआत ऐसे हुई थी
बता दें कि सिंघल और अन्य के खिलाफ ईडी की जांच मनी लॉन्ड्रिंग के उस मामले से संबंधित है, जिसमें झारखंड सरकार में पूर्व इंजीनियर राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को एजेंसी ने 17 जून, 2020 को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने सिन्हा को 2012 में पीएमएलए के तहत दर्ज राज्य सतर्कता ब्यूरो की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद गिरफ्तार किया था। सिन्हा के खिलाफ जनता के धन की धोखाधड़ी करने के आरोप में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। सिन्हा ने इस धन को एक अप्रैल 2008 से 21 मार्च 2011 तक कनिष्ठ इंजीनियर के रूप में काम करते हुए अपने नाम के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर निवेश किया था। एजेंसी ने पहले कहा था कि उक्त धन को खूंटी जिले में मनरेगा के तहत सरकारी परियोजनाओं के निष्पादन के लिए रखा गया था। सिन्हा ने ईडी से कहा, ‘‘उन्होंने जिला प्रशासन को पांच प्रतिशत कमीशन (धोखाधड़ी किए गए धन में से) का भुगतान किया।
पति अभिषेक भी हुए गिरफ्तार
आईएएस पूजा के पति अभिषेक भी गिरफ़्तार किए गए हैं। अभिषेक से भी 11 मई को लगातार दूसरे दिन पूछताछ हुई। पति-पत्नी, दोनों को आज आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई। प्रवर्तन निदेशालय ने अभिषेक के पल्स हॉस्पिटल पर भी रेड की थी। अभिषेक झा से यह पूछा गया कि पल्स अस्पताल में जो इन्वेस्टमेंट हुआ है वह कहां से आया। क्या इस हॉस्पिटल को खड़ा करने में उनकी पत्नी पूजा सिंघल का भी रोल है? अभिषेक झा से यह पूछा जा रहा है कि जब अस्तपाल में 123 करोड़ से अधिक का इन्वेस्टमेंट हुआ है तो फिर लोन केवल 23 करोड़ का ही कैसे दिखाया जा रहा है? बाकी राशि कहां से आई? क्या इसमें पूजा सिंघल की भी कोई भूमिका है? इन तमाम सवालों के जवाब अब तक ईडी को नहीं मिल पाया है।
अनियमितताएं के लगे थे आरोप
ईडी ने आरोप लगाया कि सिंघल के खिलाफ उस अवधि में ‘‘अनियमितताएं करने’’ के आरोप लगाए गए हैं। जब उन्होंने 2007 और 2013 के बीच चतरा, खूंटी और पलामू के उपायुक्त/जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया था। एजेंसी ने इस मामले में कुमार को सात मई को उसके परिसर से 17 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त करने के बाद गिरफ्तार किया था। वह 11 मई तक ईडी की हिरासत में हैं।