पटना. बिहार के पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi on pandits) ने पंडितों पर विवादित टिप्पणी की है। मांझी ने मंच से पंडितों को अपशब्द भी कहे। उन्होंने कहा कि हमारे गरीब तबके के लोगों में धर्म का पालन बढ़ता जा रहा है। सत्यनारायण पूजा (Satyanarayan Pooja) का नाम हम नहीं जानते थे। *&^$ अब हमारे हर टोले में सत्यनारायण की पूजा होने लगी। इनको इतनी भी शर्म लाज नहीं आती, पंडित #@$* आते हैं। नहीं खाएंगे बाबू, आप तो नकदी दे दीजिए।
हिंदु धर्म पर भी विवादित टिप्पणी
हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी 19 दिसंबर को भुइयां मुसहर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा कि 1956 में बाबा अंबेडकर (B. R. Ambedkar) मरने से पहले हिंदु धर्म में शामिल नहीं हुए। वो बौद्ध धर्म में शामिल हुए, बौद्ध धर्म (Buddhism) में ही उनकी मृत्यु हुई। हिंदु धर्म इतना खराब धर्म है कि माफ करिए। फिर भी गरीबों में इसका पालन बढ़ता जा रहा है। मांझी के इस बयान पर बवाल शुरू हो गया है। इसके बाद मांझी ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली है।
मांझी ने सफाई पेश की
मांझी ने सफाई देते हुए कहा कि मैंने अपने समुदाय के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था ना कि पंडितों के लिए। अगर कोई गलतफहमी हुई है तो मैं उसके लिए माफी मांगता हूं। मैंने अपने समुदाय के लोगों से कहा है कि आज आस्था के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं लेकिन गरीबों का कल्याण नहीं हो रहा है। पहले SC के लोग पूजा में विश्वास नहीं करते थे। लेकिन अब पंडित उनके घर आते हैं, खाने से मना करते हैं पर पैसा ले जाते हैं।
शराब को सेहतमंद बता चुके
मांझी ने कुछ दिनों पहले बगहा में शराबबंदी को लेकर बयान दिया था जो वायरल हुआ था। उन्होंने कहा था कि शराब पीना गलत नहीं है। मेडिकल सांइस भी यही कहता है कि थोड़ी-थोड़ी मात्रा में शराब का सेवन करना लाभदायक है। यह भी कहा कि DM-SP से लेकर विधायक और मंत्री तक शराब पीते हैं, उन्हें तो कोई गिरफ्तार नहीं करता है।
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