बेंगलुरु. कर्नाटक के उडुपी में हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Issue) बढ़ता ही जा रहा है। 8 फरवरी को इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस कृष्णा दीक्षित ने कहा कि हम कारणों और कानून के मुताबिक चलेंगे, किसी के जुनून या भावनाओं से नहीं। जो संविधान कहेगा, हम वही करेंगे। संविधान ही हमारे लिए भगवद्गीता है। इस मामले की लिस्टिंग पर उन्होंने कहा कि एक मामले में जो भी फैसला होगा, वह सभी याचिकाओं पर लागू होगा।
कोर्ट में मंगवाई कुरान की प्रति: कर्नाटक हाईकोर्ट की बेंच ने सुनवाई की शुरुआत में पहले ही पॉइंट पर की पुष्टि के लिए पवित्र कुरान की एक प्रति मांगी। जस्टिस दीक्षित ने पूछा कि यह कुरान की प्रामाणिक प्रति है, इस पर तो कोई विवाद नहीं। कुरान की कॉपी बेंगलुरु के शांतिप्रकाश पब्लिशर्स ने प्रकाशित की है। एडवोकेट जनरल ने कहा कि कुरान के कई अनुवाद है।
- जस्टिस दीक्षित ने एडवोकेट देवदत्त कामत से पूछा कि मुझे किस सूरा को देखना चाहिए। तब उन्होंने कहा कि याचिका के पेज 9 पर मैंने इसे लिखा है।
जय श्रीराम के नारे सुनकर लड़की ने कहा- अल्लाह हु अकबर: इसके पहले कर्नाटक में PES कॉलेज में उस वक्त सांप्रदायिक रंग घुलता नजर आया, जब एक मुस्लिम लड़की कॉलेज पहुंची तो कई भगवा गमछा पहने कुछ स्टूडेंट्स उसे घेरकर जय श्रीराम के नारे लगाने लगे। इसका विरोध करते हुए उस लड़की ने भी अल्लाह हु अकबर के नारे लगाए।
A lone Muslim girl on the way to her college in Karnataka, India is being heckled and harassed by a Hindu right-wing mob for wearing a hijab! pic.twitter.com/DiVjCbqpdW
— Ashok Swain (@ashoswai) February 8, 2022
उधर उडुपी में मंगलवार सुबह छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके जवाब में भगवा गमछा पहने छात्र उनके सामने आ गए। दोनों तरफ से जबर्दस्त नारेबाजी हुई। इसके बाद कॉलेज के प्रोफेसर्स ने मामला संभाला।
#WATCH | Protests erupt at Mahatma Gandhi Memorial College in Udupi as students wearing hijab & another group of students wearing saffron stoles-headgears raise slogans on college campus.
Karnataka HC to hear a plea today against hijab ban in several junior colleges of state. pic.twitter.com/f65loUWFLP
— ANI (@ANI) February 8, 2022
सीएम ने की शांति बनाए रखने की अपील: मामला बढ़ता देख सीएम बासवराज बोम्मई ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। सीएम ने कहा है कि मामला हाईकोर्ट में है। उसका इंतजार करें और बच्चों को पढ़ने दिया जाए। इससे पहले भी बोम्मई ने शांति बनाए रखने की अपील की थी। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा था कि हाईकोर्ट का फैसला आने तक नए यूनीफार्म लॉ का पालन सख्ती से करवाया जाए।
5 छात्राओं ने लगाई याचिका: कर्नाटक हाईकोर्ट में 5 लड़कियों की ओर से याचिका दायर की गई है। छात्राओं की ओर से नए यूनीफार्म लॉ का विरोध करते हुए याचिका दायर की गई थी। नए नियम के तहत कॉलेजों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दअरसल, उडुपी में एक जनवरी को सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में 6 मुस्लिम छात्राओं को क्लास में जाने से रोक दिया गया था। ये सभी छात्राएं हिजाब पहने हुई थीं। कॉलेज मैनेजमेंट ने प्रतिबंध लगाने के पीछे नए यूनिफार्म लॉ का हवाला दिया। यह मुद्दा अब उडुपी के अन्य सरकारी कॉलेजों में भी फैल चुका है। कुंदापुरा कॉलेज की 28 मुस्लिम छात्राओं को भी हिजाब पहनकर कक्षाओं में शामिल नहीं होने दिया गया। इसके बाद से कई छात्राएं हिजाब पर प्रतिबंध लगाए जाने का विरोध कर रही हैं।
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री ने भी दिया था बयान: इससे पहले कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा था कि कॉमन यूनीफॉर्म कोड का पालन न करने वाली छात्राओं को अन्य विकल्प तलाशने की छूट है। नागेश ने मैसुरु में पत्रकारों से कहा था, ‘जैसे सेना में नियमों का पालन किया जाता है, वैसा ही यहां (एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में) भी किया जाता है। उन लोगों के लिए विकल्प खुले हैं, जो इसका पालन नहीं करना चाहते।’ मंत्री ने छात्रों से राजनीतिक दलों के हाथों का ‘हथियार’ ना बनने की अपील की।
देवेगौड़ा की अपील: कर्नाटक के हिजाब मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) के अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि कुछ लोग छात्रों को गुमराह कर रहे हैं और राजनीतिक दल 2023 में होने वाले चुनावों को लेकर फायदा उठा रहे हैं। सरकार इसे रोक सकती है। इस तरह के मुद्दे देश को बांटते हैं।
स्थिति बिगड़ी: कर्नाटक में हिजाब विवाद पर हालात बिगड़ रहे हैं। कथित तौर पर पर तिरंगे की जगह भगवा झंडा लगाने की बात सामने आई है। इसका एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें एक व्यक्ति झंडे के पोल पर चढ़ा दिखाई दे रहा है। उसके हाथ में भगवा झंडा है। नीचे कुछ अन्य लोग खड़े हैं, जिन्हें छात्र बताया जा रहा है। ये वीडियो शिमोगा का बताया जा रहा है। यहां पत्थरबाजी की घटना भी हुई थी। इसके बाद यहां धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं, कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन से कहा गया है कि वे अपने यहां की स्थिति को देखते हुए छुट्टी का फैसला ले सकते हैं।