लखनऊ. विख्यात कथक नर्तक बिरजू महाराज (83) का 16 जनवरी की रात दिल्ली में निधन हो गया। जानकारी के मुताबिक, रात में वे अपने पोते के साथ खेल रहे थे, तभी उनकी तबीयत बिगड़ी। इसके बाद उन्हें साकेत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पोते ने दी जानकारी: पंडित बिरजू महाराज का असली नाम बृजमोहन मिश्रा था. उनका जन्म 4 फरवरी, 1938 को लखनऊ में हुआ था। लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज के पोते स्वरांश मिश्रा ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उनके निधन की जानकारी दी।
बिरजू महाराज केवल नर्तक नहीं थे, वे कई विधाओं में पारंगत थे। वे नर्तक होने के अलावा गायक (Singer), कोरियोग्राफर (Choreographer) और कंपोजर (Composer) भी थे। वे तालवाद्य बजाते थे, कविता लिखते थे और पेटिंग भी करते थे। उनके शिष्य जाने-माने कलाकार हैं और दुनियाभर में फैले हैं। बिरजू महाराज के पिता अच्छन महाराज, चाचा शंभु महाराज और लच्छू महाराज भी प्रसिद्ध कथक नर्तक थे।
10 मिनट में अस्पताल ले गए: बिरजू महाराज की पोती रागिनी महाराज ने बताया कि उनका पिछले महीने से इलाज चल रहा था। रविवार (16 जनवरी की रात) रात करीब 12.15-12.30 बजे उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई। हम उन्हें 10 मिनट में अस्पताल लेकर गए, लेकिन वे चले गए। उन्हें गैजेट्स से बेहद प्यार था। वे गैजेट्स को जल्दी से जल्दी खरीदना चाहते थे। वे हमेशा कहते थे कि अगर वो डांसर नहीं होते तो मैकेनिक होते। मेरे मन में उनका हमेशा मुस्कुराता चेहरा रहेगा।
He loved gadgets, always wanted to buy them at the earliest. He always said, if not a dancer, he'd have been a mechanic, his image in my mind will always be smiling: Ragini Maharaj, granddaughter of Kathak maestro Pandit Birju Maharaj pic.twitter.com/aW56zCdDhR
— ANI (@ANI) January 17, 2022
ये सम्मान मिले: बिरजू महाराज को 1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही इन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिला। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) और खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने बिरजू महाराज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी थी। 2012 में विश्वरूपम फिल्म में डांस कोरियोग्राफी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
हिंदी सिनेमा में भी उनकी सिखाई भंगिमाएं दिखीं: बिरजू महाराज ने देवदास, डेढ़ इश्किया, उमराव जान और बाजीराव मस्तानी जैसी फिल्मों के लिए डांस कोरियोग्राफ किया था। इसके अलाव इन्होंने सत्यजीत राय की फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी' में म्यूजिक भी दिया था। 2016 में बाजीराव मस्तानी के 'मोहे रंग दो लाल' गाने की कोरियाग्राफी के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था।
दिग्गजों ने जताया शोक
मालिनी अवस्थी बोलीं- लखनऊ की ड्योढ़ी सूनी
आज भारतीय संगीत की लय थम गई। सुर मौन हो गए। भाव शून्य हो गए। कत्थक के सरताज पंडित बिरजू महाराज जी नही रहे। लखनऊ की ड्योढ़ी आज सूनी हो गई। कालिकाबिंदादीन जी की गौरवशाली परंपरा की सुगंध विश्व भर में प्रसरित करने वाले महाराज जी अनंत में विलीन हो गए।
आह!अपूर्णीय क्षति है यह
ॐ शांति???? pic.twitter.com/dLBEy5aPqR
— मालिनी अवस्थी Malini Awasthi (@maliniawasthi) January 17, 2022
अदनान सामी: महान कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज जी के निधन की खबर से बहुत ज्यादा दुखी हूं। आज हमने कला के क्षेत्र का एक अनोखा संस्थान खो दिया। उन्होंने अपनी प्रतिभा से कई पीढ़ियों को प्रभावित किया है।
Extremely saddened by the news about the passing away of Legendary Kathak Dancer- Pandit Birju Maharaj ji.
We have lost an unparalleled institution in the field of the performing arts. He has influenced many generations through his genius.
May he rest in peace.????????#BirjuMaharaj pic.twitter.com/YpJZEeuFjH
— Adnan Sami (@AdnanSamiLive) January 16, 2022