Thiruvananthpuram. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के केरल के वायनाड दफ्तर में 24 जून को कुछ लोगों ने तोड़फोड़ कर दी। कांग्रेस ने घटना के पीछे स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) का हाथ होने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि SFI के गुंडों ने पार्टी कार्यालय में मौजूद स्टाफ से मारपीट भी की।
कांग्रेस सांसद के दफ्तर में तोड़फोड़ का वीडियो भी सामने आया। इसमें दिख रहा है कि वायनाड में कुछ लोग कांग्रेस सांसद के दफ्तर की खिड़कियों पर चढ़ गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। हाथों में SFI के झंडे लिए कुछ लोग दफ्तर के अंदर तक पहुंच गए। वहां इन लोगों ने नारेबाजी की औस सामान भी तोड़ दिया।
Visuals of the trashing of @RahulGandhi’s Wayanad office by activists of @CPIMKerala student wing, SFI. Would @pinarayivijayan & @SitaramYechury take disciplinary action or let their silence condone such behaviour? Is this their idea of politics? pic.twitter.com/uu5DSIB3mW
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) June 24, 2022
कांग्रेस बोली- हमले के लिए केरल के मुख्यमंत्री जिम्मेदार
कांग्रेस ने राहुल के दफ्तर पर हमले के लिए केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन को जिम्मेदार बताया है। युवक कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने आरोप लगाया कि केरल में अराजकता फैल गई है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर केरल के मुख्यमंत्री इस तरह के उपद्रवियों को संरक्षण क्यों दे रहे हैं। केरल कांग्रेस के नेता और विधायक टी सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के दफ्तर पर यह पूर्व नियोजित हमला था।
केरल के CM ने दोषियों को सजा देने की बात कही
इधर, राहुल गांधी के ऑफिस पर हमले को लेकर विजयन का भी बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में हर किसी को अपनी राय जाहिर करने का हक है, लेकिन इसकी हद नहीं तोड़ी जानी चाहिए। उन्होंने हिंसा को पूरी तरह गलत बताते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही।
राहुल केरल के वायनाड से सांसद हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने संरक्षित क्षेत्रों, वन्यजीव अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों के आसपास के एक किलोमीटर इलाके को पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) क्षेत्र घोषित कर दिया है। इस फैसले से नाराज इन लोगों की मांग है कि राहुल गांधी इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ें।
वायनाड से जीते, अमेठी से हारे
राहुल गांधी 2019 में उत्तर प्रदेश के अमेठी के साथ केरल के वायनाड से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। वे अमेठी में बीजेपी कैंडिडेट स्मृति ईरानी से हार गए थे, जबकि वायनाड से उन्हें जीत मिली थी। वायनाड लोकसभा सीट भौगोलिक तौर पर बेहद अहम है। यह केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमाओं को जोड़ती है। इस लिहाज से इस सीट की हार-जीत तीनों राज्यों के सीमावर्ती इलाकों पर असर डालती है।