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नई दिल्ली. लखीमपुर (Lakhimpur) में किसानों की मौत (3 अक्टूबर) को लेकर बवाल जारी है। 18 अक्टूबर को किसान रेल रोको आंदोलन (Stopped Rail) कर रहे हैं। किसान मोर्चे की मांग है कि लखीमपुर मामले में निष्पक्ष जांच तब तक नहीं हो सकती, जब तक केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त (Terminate) नहीं किया जाता। संगठन के नेताओं की मांग है कि मिश्र को मंत्रिमंडल से हटाने के बाद उन्हें गिरफ्तार भी किया जाए।
क्या बोले राकेश टिकैत?
ये अलग-अलग ज़िलों में अलग-अलग जगह होगा। पूरे देश में वहां के लोगों को पता रहता है कि हमें कहां ट्रेन रोकनी है। भारत सरकार ने अभी हमसे कोई बात नहीं की है: किसान संगठनों के रेल रोको आंदोलन पर राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन pic.twitter.com/f6DJTtOpnS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 18, 2021
इन रूट्स पर ज्यादा असर
दिल्ली से रोहतक, पानीपत, सोनीपत, कुरुक्षेत्र, कैथल, बहादुरगढ़, अंबाला, जालंधर, लुधियाना, चंडीगढ़, अमृतसर, जम्मू, मेरठ, गाजियाबाद, शामली, सहारनपुर, मुरादाबाद समेत कुछ अन्य सेक्शंस पर ट्रेन रोकने का ज्यादा असर रहेगा। इन रूट्स पर इससे पहले भी कई बार अलग-अलग जगहों पर किसान रेलवे ट्रैक (Railway Track) जाम कर चुके हैं। किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि रेल रोको आंदोलन के बाद भी अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज कर दिया जाएगा।
3 अक्टूबर को क्या हुआ था?
3 अक्टूबर को लखीमपुर में किसानों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इसी दौरान एक गाड़ी ने किसानों को कुचल दिया था, जिससे 4 किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में किसानों ने एक ड्राइवर समेत चार लोगों को पीट-पीटकर मार डाला। हिंसा में एक जर्नलिस्ट भी मारा गया। मामले केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया है।
आंदोलन का असर
किसानों के रेल रोको आंदोलन को देखते हुए उत्तर प्रदेश में चार ट्रेनों के रूट बदले गए हैं। चार ट्रेनें रद्द कर दी गईं।