New Delhi. वो दिन अब दूर नहीं जब दुनिया में भारतीय लोग डोमेस्टिक कार्ड से पेंमेंट करेंगे, वो भी आसानी से। रुपे कार्ड की तरह भारत जल्द ही यूएई में उनके डिजिटल भुगतान व ई-कार्मस की सुविधा के लिए डोमेस्टिक कार्ड स्कीम (डीसीएस) विकसित करने वाला है। रुपे कार्ड के समान भारत जल्द ही डिजिटल भुगतान और ई-कॉमर्स की सुविधा के लिए संयुक्त अरब अमीरात में एक घरेलू कार्ड योजना (डीसीएस) शुरू कर रहा है। इसके लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की सहायक कंपनी एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट लिमिटेड (एसआईपीएल) और संयुक्त अरब अमीरात के एआई एतिहाद पेमेंट्स (एईपी) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
यह हुआ समझौता
गुरुवार (5 अक्टूबर) को यूएई में नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया की सब्सिडियरी कंपनी एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट लिमिटेड (एसआईपीएल) और एआई एतिहाद पेमेंट्स (एईपी) के बीच समझौता किया गया। एईपी यूएई के सेंट्रल बैंक की सब्सिडियरी के रूप में काम करती है।
सात अन्य समझौते पर हुआ साइन
वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल व यूएई के उद्योग व एडवांस टेक्नोलॉजी मंत्री डा. सुल्तान अल जबर की मौजूदगी में सात अन्य समझौते भी किए गए। भारत और यूएई रिन्युएबल एनर्जी, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष प्रणाली, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इंडस्ट्री 4.0, एडवांस टेक्नोलॉजी व मेट्रोलॉजी एवं सप्लाई चेन की मजबूती जैसे सेक्टर में एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। इससे दोनों ही देश का आर्थिक विकास होगा और दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्ता और मजबूत होगा।
मई 2022 से लागू हो चुका है दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता
भारत और यूएई के बीच व्यापार समझौता पहले ही हो चुका है, जो पिछले साल मई से लागू है। रुपे की तरह यूएई में डीसीएस के विकसित होने से वहां डिजिटल ट्रांजेक्शन व ई-कामर्स का चलन बढ़ेगा। बाद में दोनों देश अपने-अपने कार्ड से एक-दूसरे देशों में भुगतान कर सकेंगे और खरीदारी कर सकेंगे। डीसीएस के विकसित होने के बाद उसे रुपे कार्ड से लिंक कर दिया जाएगा।
ये होंगे फायदे
- यूएई में रहने वाले 35 लाख भारतीयों को भारत में रह रहे अपने परिवार को पैसा भेजना आसान हो जाएगा।
- रुपे कार्ड से यूएई में भुगतान कर सकेंगे और डीसीएस से भारत में भुगतान कर सकेंगे और ये कार्ड एक-दूसरे देश के एटीएम, प्वाइंट ऑफ सेल और ई-कामर्स ट्रांजेक्शन के लिए भी इस्तेमाल हो सकेंगे।
- निवेश को लेकर बनाए गए दोनों देशों के संयुक्त टास्क फोर्स की बैठक में पुराने समझौते की समीक्षा की गई और किए गए समझौते से दोनों देशों के बीच नए अवसर खुलेंगे।
- उभरती हुई टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में संस्थागत फ्रेमवर्क बनाने में मदद मिलेगी।
ट्रेड कोरिडोर बनाने पर हुई चर्चा
भारत सरकार यूएई में खाद्य सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। दोनों देशों के बीच एक वर्चुअल ट्रेड कोरिडोर बनाने के साथ इंडिया-यूएई स्टार्टअप ब्रिज पर भी गंभीर चर्चा की गई। वर्चुअल ट्रेड कोरिडोर का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार को और बढ़ाना होगा जिसके लिए दोनों देश डाटा एक्सचेंज सिस्टम विकसित करेंगे और व्यापार के लिए कागजी प्रक्रिया नहीं अपनाई जाएगी। टास्क फोर्स की बैठक में गुजरात की गिफ्ट सिटी में अबू-धाबी इंवेंस्टमेंट अथॉरिटी की स्थापना से जुड़ी योजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई।