भोपाल में शराब के अवैध अहाते सरकार को लगा रहे करोड़ों का चूना, बड़ा सवाल-किसकी शह पर चल रहा कारोबार ?

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The Sootr CG
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भोपाल में शराब के अवैध अहाते सरकार को लगा रहे करोड़ों का चूना, बड़ा सवाल-किसकी शह पर चल रहा कारोबार ?

अंकुश मौर्य, BHOPAL. मध्यप्रदेश में शराबबंदी के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती मोर्चा खोले बैठीं हैं। दूसरी तरफ राजधानी में ही अवैध तरीके से शराब परोसी जा रही है। भोपाल के पॉश इलाकों में अवैध अहाते संचालित किए जा रहे हैं। जहां दुकान खुलने से लेकर देर रात तक शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है। इनअवैध अहातों की वजह से आम आदमी का जीना मुश्किल होता जा रहा है। वहीं ये अवैध अहाते सरकार को भी करोड़ों रुपए सालाना की चोट पहुंचा रहे हैं। सवाल उठता हैं कि आखिर किसकी शह में इतना बड़ा अवैध कारोबार चल रहा है। जबकि राजधानी में मुख्यमंत्री, मंत्री, सीएस, एसीएस और पीएस से लेकर तमाम आला अधिकारी रहते हैं।



इन 30 शराब दुकानों पर चल रहे अवैध अहाते



साल 2022-23 में सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव करते हुए देशी और विदेशी शराब दुकानों को कंपोजिट दुकान में परिवर्तित कर दिया गया, जिसके बाद से हर दुकान पर देशी-विदेशी शराब मिलने लगी। भोपाल में शराब की 90 कंपोजिट दुकानें संचालित की जा रही है, जिसमें से 30 दुकानों पर अवैध अहाते चल रहे हैं।



Loss of revenue to the government due to illegal liquor premises in Bhopal 1



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सरकार के राजस्व पर चोट कर रहे अहाते



मध्यप्रदेश में जब भी शराबबंदी की मांग उठती है तो कहा जाता है कि सरकार के राजस्व को नुकसान होगा। लिहाजा राजस्व के लिए सरकार शराब दुकानें संचालित करती है लेकिन ये अवैध अहाते तो राजस्व पर ही चोट कर रहे हैं। आपको बता दें कि शराब दुकान पर अहाता संचालित करने के लिए ठेकेदार को 2 फीसदी राशि अदा करनी होती है। शराब दुकान के वार्षिक मूल्य का 2 प्रतिशत सरकारी खजाने में एकमुश्त एडवांस जमा कराना होता है। इन 30 दुकानों में संचालित अवैध अहातों की लाइसेंस फीस भरी गई होती तो सरकार के खजाने में 6 करोड़ 24 लाख रुपए हर साल जमा होते। उदाहरण के तौर पर किसी ने 18 करोड़ में दुकान का ठेका लिया तो अहाते के लिए 36 लाख रुपए देने होंगे।



पेटी कॉन्ट्रैक्टर से मुनाफा कमा रहे ठेकेदार



शराब दुकान के अहाते अहाते पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर भी दिए जाते हैं। पेटी कॉन्ट्रैक्टर का मतलब होता है अहाता संचालक, जो दुकान के ठेकेदार को हर दिन का पैसा देता है और इसका हिसाब-किताब आप समझेंगे तो हैरान हो जाएंगे। ठेकेदार इन अहाता संचालकों से प्रतिदिन 7 से 15 हजार रुपए तक वसूल करते हैं। शराब दुकान ठेकेदार अवैध अहातों से करोड़ों रुपए सालाना कमा रहे हैं और सरकार को राजस्व नहीं देना चाह रहे।



विधानसभावार समझिए, कहां, कितने अवैध अहाते



अब राजधानी में सबसे ज्यादा अवैध अहाते नरेला और दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में संचालित हो रहे हैं। हुजूर विधानसभा क्षेत्र में 5 दुकानें ऐसी है जहां अवैध तरीके से अहाते संचालित हो रहे हैं।



हुजूर विधानसभा क्षेत्र ( बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा )



1. कोलार रोड



2. नयापुरा क्रमांक-2



3. 11 मील



4. गांधीनगर



5. सीहोर नाका



नरेला विधानसभा क्षेत्र ( मंत्री विश्वास सारंग )



1. छोलानाका



2. करौंद



3. सुभाष नगर



4. स्टेशन बजरिया



5. विवेकानंद चौक



6. सेमरा



गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र ( बीजेपी विधायक कृष्णा गौर )



1. अयोध्या नगर



2. बागसेवनिया



3. बरखेड़ा पठानी



दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र ( कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा )



1. न्यू मार्केट



2. टीनशेड



3. 5 नंबर



4. चूनाभट्टी



5. नेहरू नगर



6. पीएंडटी चौराहा



उत्तर विधानसभा क्षेत्र ( कांग्रेस विधायक आरिफ अकील )



1. डीआईजी बंगला



2. स्टेट बैंक चौराहा



3. पीरगेट



4. शाहजहांनाबाद



5. मंगलवारा



बैरसिया विधानसभा क्षेत्र ( बीजेपी विधायक विष्णु खत्री )



1. बैरसिया क्रमांक-2



मध्य विधानसभा क्षेत्र ( कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद )



1. अरेरा कॉलोनी



2. गुलमोहर



3. बरखेड़ी



4. शाहपुरा



कार्रवाई क्यों नहीं ?



खास बात ये है कि अधिकारियों को ये पता है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। कार्रवाई क्यों नहीं होती, ये सबसे बड़ा सवाल है। शराब दुकानों को लेकर जो भी अवैध गतिविधियां होती है उसे लेकर कहा जाता है कि आबकारी विभाग, पुलिस, उस इलाके के नेता सबका हिस्सा बंधा होता है क्या वाकई में ऐसा है ? हमारी दूसरी कड़ी में आपको बताएंगे।


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