अरुण तिवारी, BHOPAL. लंपी वायरस ने मध्यप्रदेश के 26 जिलों में पैर पसार लिए हैं। प्रदेश ने 28 लाख वैक्सीन का ऑर्डर दिया है लेकिन उपलब्धता सिर्फ 5 लाख वैक्सीन की ही है। वैक्सीन की कमी से निपटने के लिए सरकार ने अब गायों की इम्यूनिटी बढ़ाने पर जोर दिया है। गौ संवर्धन बोर्ड ने सभी गौशालाओं में एडवायजरी जारी की है। कोरोना की तर्ज पर ही गायों को लंपी वायरस से बचाया जा रहा है। गायों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए उनको आयुर्वेद का डोज दिया जा रहा है। गायों को गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, सफेद मूसली और लौंग जैसी हर्बल औषधियों का काढ़ा पिलाया जा रहा है। गायों के लिए गौशालाओं में क्वारंटीन सेंटर भी बनाए गए हैं। जिस गाय में लंपी वायरस के लक्षण नजर आते हैं उसे इन क्वारंटीन सेंटर में रखा जा रहा है।
गायों की इम्यूनिटी बढ़ाना भी जरूरी
गौपालन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद कहते हैं कि लंपी वायरस से बचाने के लिए गायों में भी इम्यूनिटी बढ़ाना आवश्यक है। इसलिए हमने गौशालाओं के संचालकों और गौपालकों से कहा है कि वे आयुर्वेद का इस्तेमाल करें और गायों को काढ़ा पिलाकर उनकी इम्यूनिटी बढ़ाएं। इसके परिणाम भी अच्छे आ रहे हैं। स्वामी अखिलेश्वरानंद कहते हैं कि जिन गायों में लंपी के लक्षण नजर आते हैं उनको अलग से क्वारंटीन सेंटर में रखा जा रहा है। यही कारण है कि प्रदेश की गौशालाओं में लंपी वायरस सेंध नहीं लगा पाया है।
फिटकरी से नहा रहीं गायें
गायों को रोजाना फिटकरी से नहलाया जा रहा है। अन्य संक्रामक रोगों को फैलने से रोकने के लिए नीम का धुआं किया जा रहा है। कई इम्यूनिटी बूस्टर दवाएं बाजारों में भी उपलब्ध हैं। इन दवाओं के इस्तेमाल की सलाह भी दी जा रही है। इसके अलावा विटामिन और मिनरल्स की दवाएं भी दी जा रही हैं। सड़क पर घूमने वाली बेसहारा गायों को भी गौशालाओं में शिफ्ट किया जा रहा है। इन गायों को पहले सभी गायों से आईसोलेट रखा जाता है। पशुधन और कुक्कुट विकास निगम के एमडी एचबीएस भदौरिया कहते हैं कि गायों को लंपी से बचाने के लिए घरेलू औषधियों के अलावा बाजार में उपलबध इम्यूनिटी बूस्टर भी देने की सलाह दी जा रही है।
MP के 26 जिलों में फैला लंपी वायरस
मध्यप्रदेश के मालवा और निमाड़ के 26 जिलों तक लंपी वायरस फैल गया है। इन जिलों में सबसे पहले वैक्सीनेशन का टारगेट रखा गया है। प्रदेश सरकार ने हैदराबाद और अहमदाबाद की कंपनियों से 28 लाख वैक्सीन का ऑर्डर दिया है। प्रदेश के पास महज 5 लाख वैक्सीन की ही उपलब्धता है। प्रदेश में 1600 गौशालाएं हैं जिनमें करीब 2 लाख 70 हजार गौवंश है। प्रदेश में कुल गायों की संख्या 1 करोड़ 87 लाख है। अभी ढाई लाख गायों को ही वैक्सीन दी जा सकी है। यानी इन सबको वैक्सीनेट करने के लिए बड़ी मात्रा में वैक्सीन की आवश्यकता है।