KOLKATA. आखिरकार पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) पर ममता सरकार (Mamta Sarkar) ने एक्शन ले लिया है। 28 जुलाई को ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) के शिक्षक भर्ती घोटाले (Teacher Recruitment Scam) में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया। पार्थ को तृणमूल कांग्रेस से भी निकाल दिया गया है। पार्थ की गिरफ्तारी के 5 दिन बाद ममता सरकार ने ये फैसला लिया। 27 जुलाई से 28 जुलाई तक चली 18 घंटे की रेड में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पार्थ की करीबी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) के दूसरे घर से 27.9 करोड़ रुपए कैश और 5 किलो गोल्ड जब्त किया था। इससे पहले अर्पिता के घर से 21 करोड़ कैश मिला था।
#KOLKATA: मुख्यमंत्री #ममताबनर्जी ने पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से हटाया। शिक्षक भर्ती घोटाला (SSC) में आया था नाम। #पार्थ की करीबी #अर्पिता मुखर्जी के घर दो बार मिल चुका नोटों का अंबार। @itspcofficial @MamataOfficial @INCWestBengal @INCIndia @SSCorg_in #BreakingNews #Viral pic.twitter.com/HsCFQWbc8B
— TheSootr (@TheSootr) July 28, 2022
कैश के बारे में ED के सवाल पर अर्पिता ने बताया कि ये सारे रुपए पार्थ चटर्जी के हैं। उन्होंने कहा, 'पार्थ इस घर का इस्तेमाल रुपए रखने के लिए करते थे। मुझे अंदाजा नहीं था कि घर में इतना सारा कैश रखा होगा।' पार्थ की करीबी इस खुलासे और पार्टी पदाधिकारियों की पार्थ को हटाने की मांग के बाद ममता सरकार ने यह निर्णय लिया।
सीएम ममता बनर्जी ने चटर्जी से किया किनारा
मु्ख्यमंत्री बनर्जी ने कैबिनेट की बैठक की। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में भी पार्थ चटर्जी की मंत्री पद का मामला उठा। उल्लेखनीय है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने ही पार्थ चटर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सीएम ममता बनर्जी चटर्जी से पहले ही किनारा कर चुकी हैं। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कुणाल घोष ने उन्हें मंत्रिमंडल समेत सभी पदों से हटाने की मांग की थी। इससे पहले टीएमसी महासचिव कुणाल घोष ने आज ट्वीट कर कहा कि पार्थ चटर्जी को तुरंत मंत्रालय और पार्टी के सभी पदों से हटाया जाना चाहिए। उन्हें निष्कासित किया जाना चाहिए।
50 करोड़ नकद जब्त
पार्थ चटर्जी को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी से ठीक पहले एजेंसी ने अर्पिता मुखर्जी के आवास से करीब 21 करोड़ रुपये बरामद किए थे। अर्पिता मुखर्जी टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी की करीबी हैं। ईडी ने 27 जुलाई को भी मुखर्जी के ठिकानों पर छापेमारी की थी। सूत्रों की माने तो इस दौरान 29 करोड़ रुपए कैश जब्त किए गए। एजेंसी ने कई प्रॉपर्टी के कागजात और तीन किलो सोना भी जब्त किया है।
सरकारी स्कूलों और सहायता प्राप्त स्कूलों में हुए कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के वक्त पार्थ चटर्जी के पास शिक्षा विभाग का प्रभार था। बाद में उनसे यह विभाग ले लिया गया था। प्रवर्तन निदेशालय स्कूल सेवा आयोग द्वारा की गई शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितता के आरोपों की जांच कर रहा है।