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दिल्ली. राष्ट्रपति (President) के अभिभाषण (Address) पर प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 8 फरवरी को राज्यसभा (Rajya Sabha) में भाषण दिया। इस दौरान पीएम ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस के सांसदों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट किया। इसके बावजूद मोदी ने कांग्रेस पार्टी को सिख दंगों, इमरजेंसी और गोवा की आजादी के मुद्दे पर घेरा। सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का जिक्र किया। उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कांग्रेस के इतिहास को भी बताया। उन्होंने इससे जुड़े कुछ वाकये सुनाए, जिनमें लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर (Hridaynath Mangeshkar) से लेकर किशोर कुमार तक की बात की।
हृदयनाथ मंगेशकर का जिक्र किया : राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उन्होंने उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर को याद किया। पीएम ने कहा कि व्यक्ति स्वतंत्रता की बातें करने वालों का आज मैं इतिहास खोल रहा हूं। लता मंगेशकर के निधन से पूरा देश दुखी है। उनका परिवार दुखी है। लेकिन उनके परिवार के साथ कैसा सलूक हुआ, ये भी देश को जानना चाहिए। उनके छोटे भाई हृदयनाथ मंगेशकर को ऑल इंडिया रेडियो से निकाल दिया गया। उनका गुनाह क्या था, उनका गुनाह ये था कि उन्होंने वीर सावरकर की देशभक्ति से भरी कविता को ऑल इंडिया रेडियो पर सुनाया था।
फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन : प्रधानमंत्री ने कहा कि हृदयनाथ मंगेशकर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्हें सावरकर से कहा कि वे रेडियो शो पर उनकी कविता पढ़ेंगे, तो सावरकर ने उनसे कविता पढ़ने को लेकर कहा था कि क्या आप मेरी तरह जेल जाना चाहते हो। जब उन्होंने कविता पढ़ी तो सात दिन के अंदर उन्हें ऑल इंडिया रेडियो से निकाल दिया गया। मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि ये आपका फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन था।
इमरजेंसी पर कांग्रेस को घेरा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके अलावा मजरूह सुल्तानपुरी, प्रोफेसर धरमपाल और किशोर कुमार का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मजरूह सुल्तानपुरी को पंडित नेहरू की आलोचना करने के लिए एक साल जेल में बंद कर दिया गया। उनके रवैये के लिए उन्हें जेल में बंद रखा गया। प्रोफेसर धर्मपाल को जेल में डाल दिया गया। किशोर कुमार को इंदिरा गांधी के सामने न झुकने और इमरजेंसी के पक्ष में न बोलने के कारण निकाल दिया गया था। एक विशेष परिवार के खिलाफ कोई भी आवाज उठाता है, तो क्या होता है ये सबको पता है। सीताराम केसरी के साथ जो हुआ उसे सब जानते हैं।