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NEW DELHI. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार, 26 नवंबर को उत्तर प्रदेश के नोएडा में सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है। आपको बस इसे पहचानना है। देश के युवाओं को लेकर भागवत ने कहा कि आजकल युवा चमत्कार कर रहे हैं, लेकिन इन्हें अवसर देने वाला चाहिए। आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आ गया है। हालांकि, उस पर नियत्रंण की व्यवस्था नहीं है। इसलिए लोग इससे डर रहे हैं।
हमें अधिक से अधिक मित्र जोड़ने चाहिए
मोहन भागवत ने कहा कि पूरी दुनिया भारत की उन्नति का इंतजार कर रही है और देश की उन्नति तभी होगी, जब भारत अपने बल पर कुछ कर के दिखाएगा। योग के बारे में भागवत ने कहा कि आज योग को सारी दुनिया पहचान रही है। इसे पहले जादू टोना कहते थे। अब देश योग दिवस मनाता है। यह भारत की उन्नति है। हिंदू राष्ट्र को लेकर आरएसएस चीफ ने कहा, हिंदू राष्ट्र बनाना क्या है? वह तो बना हुआ है। आपको बस इसे पहचानना है। उन्होंने कहा कि हमें अधिक से अधिक मित्र जोड़ने चाहिए और भारत-अमेरिका को सहयोग से चलना चाहिए।
राष्ट्र बनते हैं, बनाए नहीं जाते
भागवत ने कहा कि भारत दुनिया को अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाने वाला है। आज भारत इतना ताकतवर है कि लीबिया में जाकर हम अपने देशों के अलावा दूसरे देशों के लोगों को भी निकालते हैं। आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि हमारे यहां ऐसा माना गया है कि राष्ट्र बनते हैं, बनाए नहीं जाते। जो बनाए गए राष्ट्र टूट जाते हैं।
सारी समस्याओं का इलाज सद्भावना
आरएसएस प्रमुख ने कहा, संविधान सभा में डॉ. अंबेडकर ने कहा था कि स्वतंत्रता और समानता एक साथ नहीं आती है। इन दोनों को एक साथ आने के लिए भाईचारा चाहिए। भारत सर्वोपरि है। हम सब भाई हैं। छुआछूत नहीं चलेगा। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हमारी सारी समस्याओं का इलाज सद्भावना है।