कार्रवाई: पत्रकार राकेश पाठक को अवैध हिरासत में रखने पर NHRC का DGP को नोटिस

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कार्रवाई: पत्रकार राकेश पाठक को अवैध हिरासत में रखने पर NHRC का DGP को नोटिस

अहमदाबाद. मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और गांधीवादी कार्यकर्ता डॉ राकेश पाठक (Rakesh Pathak) को गुजरात पुलिस (Gujrat Police) ने गांधी जयंती के मौके पर अवैध रूप से हिरासत में लिया था। 29 अक्टूबर को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में एक्शन लिया है। आयोग ने गुजरात के डीजीपी को एक नोटिस जारी करके जवाब-तलब किया है। नोटिस में कहा गया है कि राकेश पाठक को अवैध रूप से दो बार हिरासत में रखने के मामले की जांच ASP या उससे ऊपर के पद के अधिकारी से करवाई जाए।

पाठक ने की थी लिखित शिकायत

आयोग ने गुजरात के DGP आशीष भाटिया को नोटिस जारी किया है। इसमें आयोग ने पुलिस को जांच पर की गई नियमानुसार कार्रवाई की रिपोर्ट चार हफ्ते के भीतर उसके समक्ष पेश करने का आदेश दिया है। राकेश पाठक ने अवैध हिरासत के मामले पर संज्ञान लेने के लिए NHRC में लिखित शिकायत की थी। जिसके बाद आयोग की तरफ से यह कार्रवाई की गई। 

हिरासत का पुलिस ने कोई कारण नहीं बताया

गौरतलब है कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर पाठक अहमदाबाद पहुंचे थे। उन्हें सत्याग्रह आश्रम में प्रार्थना सभा में शामिल होना था और अकेले उपवास करना था। अहमदाबाद (Ahmedabad) की पुलिस ने बिना किसी कारण के उन्हें तड़के साढ़े छह बजे होटल के कमरे से हिरासत में ले लिया। छह घंटे से ज्यादा हिरासत में रखने के बाद छोड़ा। दोपहर बाद जब डॉ पाठक साबरमती आश्रम पहुंचे तो पुलिस ने आश्रम के भीतर से उन्हें दोबारा हिरासत में ले लिया।

पुलिस ने दोनों बार हिरासत में लेने का कोई कारण नहीं बताया था। डॉ पाठक दूसरी बार छूटने के बाद ही साबरमती आश्रम जा सके। गांधीवादी कार्यकर्ता के रूप में डॉ पाठक महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम (Sabarmati Ashram) के ऑरिजनल स्वरूप में बदलाव की सरकारी योजना के विरोध में मुखर आवाजों में शामिल हैं। उन्होंने आश्रम का स्वरूप यथावत रखने के लिए प्रधानमंत्री को एक खुला पत्र भी लिखा था।

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