NEW DELHI. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2 अगस्त को सोनिया गांधी-राहुल गांधी की कंपनी यंग इंडिया के स्वामित्व वाले नेशनल हेराल्ड (Herald House) अखबार से संबंधित देशभर के 12 ठिकानों पर छापा मारा था। इनमें दिल्ली स्थित बहादुर शाह जफर मार्ग पर ‘हेराल्ड हाउस’ भी शामिल है। यह नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लि. (AJL) के नाम पर रजिस्टर्ड है। इसके अलावा कोलकाता स्थित एक कंपनी के कार्यालय को भी खंगाला गया है।
इस बीच ईडी ने नेशनल हेराल्ड बिल्डिंग में यंग इंडिया कंपनी कार्यालय को सील कर दिया है। दफ्तर को सील करने के निर्देश देते हुए कहा गया कि एजेंसी की अनुमति के बिना परिसर को नहीं खोला जाए। इसके बाद से AICC मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही 10 जनपथ यानी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
ED का ये मानना है
इससे पहले ईडी सूत्रों के अनुसार, यह एक फर्जी कंपनी है, जिसका इस्तेमाल पैसे के लेन-देन में किया गया। नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर नियमों के उल्लंघन का आरोप है। ईडी अधिकारियों ने बताया, पैसे के लेन-देन से जुड़ी अतिरिक्त जानकारी जुटाने के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की आपराधिक धाराओं में छापे की कार्रवाई हुई है। छापे मुख्य रूप से उन यूनिट्स पर मारे गए, जो नेशनल हेराल्ड से जुड़े लेन-देन में शामिल रहे हैं। यह कार्रवाई इस मामले में हाल में कई लोगों से हुई पूछताछ से सामने आए नए सबूतों के आधार पर की गई है।
सोनिया और राहुल दोनों से पूछताछ हो चुकी
ईडी ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बीते महीनों में राहुल और सोनिया गांधी से पूछताछ की थी। सोनिया गांधी से तीन बार में करीब 11 घंटे, जबकि राहुल गांधी से 5 दिन में 50 घंटे पूछताछ की गई। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से भी ईडी ने अप्रैल में पूछताछ की थी। ईडी ने सोनिया से 27 जुलाई को आखिरी दौर की पूछताछ की थी।
बदले की राजनीति : जयराम
कांग्रेस ने इन छापों को बदले की राजनीति बताया। पार्टी महासचिव और संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा, बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस पर छापा देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के खिलाफ जारी हमले की ही एक और कड़ी है। मोदी सरकार के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ बदले की राजनीति की हम सख्त निंदा करते हैं। आप हमें चुप नहीं करा सकते।
सिर्फ चेहरा बचाने की कोशिश : गहलोत
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने ईडी के छापों को चेहरा बचाने की कोशिश बताया है। पूछा, जब इस मामले में पैसे का कोई लेन-देन हुआ ही नहीं है तो मनी लॉन्ड्रिंग कैसे हुई? ईडी ने 2015 में केस बंद कर दिया था, केंद्र ने जांच अधिकारी को बदलकर बदले की भावना से नई टीम पर कार्रवाई का दबाव बनाया।
एजेएल की अरबों की संपत्ति पर कब्जा
ईडी का आरोप है कि इस लेन-देन में मनी लॉन्ड्रिंग हुई है और लेन-देन की इस जटिल प्रक्रिया का इस्तेमाल पार्टी और उसके नेताओं ने एजेएल की अरबों की संपत्ति को अधिग्रहीत करने के लिए किया। पूरे देश में एजेएल की 1600 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति बताई जाती है और एजेएल पर कब्जे के जरिए यह संपत्ति भी यंग इंडिया के स्वामित्व में आ गई।