PATNA. सेक्स एजुकेशन को लेकर दिए अपने भाषण को लेकर निशाने पर आए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार (8 नवंबर) को माफी मांग ली। बयान देने के 16 घंटे बाद उन्होंने विधानसभा के बाहर और सदन में कई बार हाथ जोड़कर खेद प्रकट किया। उन्होंने कहा कि मैंने तो महिलाओं की शिक्षा की बात की थी। हमने यूं ही ये बातें कह दी थीं, अगर कोई आहत हुआ है तो मैं माफी मांगता हूं। इसके बाद सीएम नीतीश ने विधानसभा में भी माफी मांगी है।
सीएम नीतीश- 'मैं खुद की निंदा करता हूं'
सदन में बोलते हुए नीतीश ने कहा कि हम महिलाओं की शिक्षा पर जोर देते हैं, अगर मेरी किसी बात से तकलीफ हुई है तो अपने शब्द वापस लेता हूं। उन्होंने हाथ जोड़कर कहा कि मैं खुद अपनी निंदा करता हूं। मैं न सिर्फ शर्म कर रहा हूं बल्कि दुख भी प्रकट कर रहा हूं, वहीं विपक्ष के विधायक इस दौरान सदन में हंगामा करते रहे।
क्या-क्या कहा नीतीश ने ?
नीतीश ने कहा कि मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं माफी मांगता हूं। जनसंख्या नियंत्रण के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। मेरा मकसद सिर्फ शिक्षा के बाद जनसंख्या वृद्धि में आ रहे परिवर्तन को बताना था। मैं माफी मांगता हूं। मैं अपने शब्दों को वापस लेता हूं, अगर मेरी कोई बात कहना गलत था, मेरी किसी बात से दुख पहुंचा है तो माफी मांगता हूं। अगर मेरे बयान की कोई निंदा कर रहा है, तो हम माफी मांगते हैं। अगर इसके बाद भी कोई मेरी निंदा करता है तो मैं उसका अभिनंदन करता हूं।
नीतीश ने ऐसी बातें कहीं... जो हम लिख नहीं सकते
बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में मंगलवार (7 नवंबर) को पेश जातीय-आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट पर हुई बहस के बाद मुख्यमंत्री जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा था कि महिला शिक्षित होगी, तो गारंटेड प्रजनन दर कम होगी। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने पति और पत्नी के संबंध और प्रजनन प्रक्रिया का भी जिक्र किया। दरअसल, उनके कहने का मतलब ये था कि पढ़ी-लिखी पत्नी गर्भधारण के अवसरों से बचती हैं। इसलिए जन्मदर कम हुई है। हालांकि उन्होंने जो बोला, वह शब्दश: यहां लिखा नहीं जा सकता।
महिला विधायक रोने लगीं
नीतीश के बयान पर विधान परिषद में बैठीं बीजेपी की महिला सदस्य निवेदिता सिंह फूट-फूटकर रोने लगीं। उन्होंने कहा कि आज वो शर्मसार हो गईं। इधर, राष्ट्रीय महिला आयोग ने बयान की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से माफी मांगने को कहा था। इसके बाद 6महिला विधायकों ने भी नीतीश के इस्तीफे की मांग कर विरोध जताया था।
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आखिर क्या था नीतीश का मतलब, क्यों कहा था ऐसा ?
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अपने तर्क देते हुए कई आंकड़े बताए। उन्होंने कहा कि राज्य में 6 साल से छोटे बच्चों की संख्या 2011 में 18.46% थी, जो घटकर 13. 6% रह गई है। बिहार में पिछले साल प्रजनन दर 2.9% पर पहुंच गई है, जो पहले 4.3% हुआ करती थी। जनसंख्या नियंत्रण में बड़ी भूमिका बालिका शिक्षा की है। यही कारण है कि राज्य में बालिकाओं की शिक्षा पर हमने जोर दिया।