BENGALURU. आईफोन को पसंद करने वालों के लिए बड़ी और राहतभरी खबर आई है। टाटा ग्रुप भारत में आईफोन बनाएगा। एपल की सप्लायर विस्ट्रॉन की फैक्ट्री के अधिग्रहण की डील शुक्रवार को फाइनल हो गई। विस्ट्रॉन कॉर्प के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने इसे मंजूरी दी। इसके बाद सूचना एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ढाई साल के भीतर आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो जाएगी। ऐसे में संभावना है कि भारत में यह कुछ सस्ता मिलने लगेगा।
भारत में पहली स्वदेशी प्रोडक्शन लाइन मिलेगी
टाटा के टेकओवर के बाद भारत को एपल प्रोडक्ट्स के लिए अपनी पहली डोमेस्टिक यानी स्वदेशी प्रोडक्शन लाइन मिल जाएगी। टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) के साथ विस्ट्रॉन इन्फोकॉम मैन्युफैक्चरिंग (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को बेचने की डील $125 मिलियन (करीब 1000 करोड़ रुपए) में हुई है।
2008 में भारतीय बाजार में एंट्री की थी विस्ट्रॉन ने
ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन ने 2008 में भारतीय बाजार में एंट्री की थी, तब कंपनी कई डिवाइसेस के लिए रिपेयर फैसिलिटी प्रोवाइड कराती थी। 2017 में कंपनी ने अपने ऑपरेशंस को एक्सपेंड किया और एपल के लिए आईफोन का प्रोडक्शन शुरू किया था। विस्ट्रॉन के इस प्लांट में 10,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं।
विस्ट्रॉन ने क्यों लिया भारत में असेंबली फैक्ट्री बेचने का फैसला?
मीडिया रिपोर्ट रिपोर्ट के मुताबिक, आईफोन की कंपनी एपल की शर्तों के तहत प्रॉफिट हासिल करने में चुनौतियों के कारण विस्ट्रॉन ने भारत में अपनी आईफोन असेंबली फैक्ट्री बेचने का यह फैसला किया। कंपनी को भारत में केवल आईफोन असेंबली प्रोवाइडर के रूप में मुनाफा कमाने के लिए बहुत ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ रहा था।
विस्ट्रॉन के भारतीय प्लांट में 8 प्रोडक्शन लाइन
वर्तमान में विस्ट्रॉन का भारतीय प्लांट अपनी 8 प्रोडक्शन लाइनों में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है। टाटा के अधिग्रहण के बाद विस्ट्रॉन पूरी तरह से भारतीय मार्केट से बाहर हो जाएगा, क्योंकि यह भारत में एपल प्रोडक्ट्स का प्रोडक्शन करने वाला कंपनी का एकमात्र प्लांट है।
तीन ताइवानी फर्मों में से सिर्फ विस्ट्रॉन भारत छोड़ रही
2023 में कैलिफोर्निया बेस्ड कंपनी एपल ने चीन और अमरीका के बीच विवाद के कारण अपने ग्लोबल प्रोडक्शन का लगभग 25% भारत में शिफ्ट करने के प्लान की घोषणा की थी। एपल प्रोडक्ट्स को असेंबल करने वाली तीन ताइवानी फर्मों में से सिर्फ विस्ट्रॉन भारत छोड़ रही है, जबकि फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन ने भारत में अपनी प्रोडक्शन लाइनें बढ़ा दी हैं।
अब से भारत में आईफोन का प्रोडक्शन और असेंबल टाटा समूह के द्वारा किया जाएगा, जिसकी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने 27 अक्टूबर को सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से की। राजीव चन्द्रशेखर ने एक्स पर लिखा, सिर्फ ढाई साल के भीतर, टाटा कंपनियां भारत से घरेलू और वैश्विक बाजारों के लिए भारत से आईफोन बनाना शुरू कर देगी। विस्ट्रॉन का परिचालन संभालने के लिए टाटा टीम को बधाई। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा, आपके योगदान के लिए विस्ट्रॉन को धन्यवाद, और भारतीय कंपनियों के साथ भारत से ग्लोबल सप्लाई चेन बनाने में एप्पल का ये एक बहुत अच्छा कदम है।
विस्ट्रॉन की फैक्ट्री में हुआ है आईफोन 14 का निर्माण
रिपोर्ट के अनुसार, विस्ट्रॉन की फैक्टरी की वैल्यू 125 मिलियन डॉलर के आसपास आकी गई है। टाटा ग्रुप और विस्ट्रॉन के बीच इस डील के लिए पिछले एक साल से बातचीत चल रही है। विस्ट्रॉन का यह प्लांट आईफोन-14 मॉडल के प्रोडक्शन के लिए जाना जाता है।
क्या है टाटा समूह और कितना फैला है कारोबार?
आपको बता दें, टाटा समूह नमक बेचने से लेकर तकनीकी सेवाएं प्रदान करने तक कई प्रकार के व्यवसायों में शामिल है। हाल के वर्षों में समूह ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और ई-कॉमर्स के क्षेत्र में प्रवेश करने की यात्रा शुरू की है। समूह वर्तमान में तमिलनाडु राज्य में अपने कारखाने में आईफोन चेसिस का उत्पादन करता है, जो डिवाइस का मेटल बॉडी बनाता है। इसके अतिरिक्त चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने पहले चिपमेकिंग के बिजनेस में भी आने की आकांक्षाएं व्यक्त की हैं।