लोकसभा में मंगलवार को ओबीसी संशोधन बिल पास हो गया। सदन में इस बिल के पक्ष में 385 वोट पड़े, जबकि विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा। बिल पर चर्चा के दौरान सरकार ने बताया कि इस बिल के आने के बाद राज्य सरकारों को ओबीसी (OBC) लिस्ट तैयार करने का अधिकार मिल जाएगा। लोकसभा में कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने इस बिल का समर्थन किया है।
क्षेत्रीय दलों की मांग पर बिल पास
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने लोकसभा में संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया, जिसके बाद सर्वसम्मति से बिल पास हो गया। इस संशोधन की मांग कई क्षेत्रीय दलों के साथ-साथ सत्ताधारी पार्टी के ओबीसी नेताओं (OBC LEADER) ने भी की है।
क्षेत्रीय जातियों के आरक्षण का रास्ता साफ
संसद में संशोधन पर मुहर लगने के बाद राज्यों के पास ओबीसी वर्ग में अपनी जरूरतों के मुताबिक, जातियों को शामिल करने की शक्ति मिलेगी। इससे महाराष्ट्र में मराठा समुदाय (Maratha reservation), गुजरात में पटेल (patel) समुदाय , हरियाणा में जाट समुदाय और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को ओबीसी वर्ग में शामिल करने का रास्ता साफ हो सकता है। ये तमाम जातियां लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रही हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट (supreme court) इन मांगों पर रोक लगाता रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद विधेयक पास
मई में सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहा था कि केवल केंद्र को ये अधिकार है कि वह ओबीसी समुदाय से जुड़ी लिस्ट तैयार कर सके। लेकिन केंद्र और राज्य सरकार दोनों चाहती थी कि जातियों को सूची में शामिल करने का अधिकार राज्य के पास भी हो। इसी के बाद अब केंद्र सरकार संविधान संशोधन बिल लाकर इसे कानूनी रूप देना चाहती है।