New Delhi. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल दिल्ली के तीन मूर्ति भवन में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया। उद्घाटन के बाद उन्होंने सबसे पहले टिकट भी खरीदा, फिर झलक लेने के लिए अंदर गए। प्रधानमंत्री संगहालय में अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों के कामों का प्रदर्शन होगा। पहले इसे नेहरू संग्रहालय भवन के नाम से जाना जाता था। पिछले म पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नेहरू संग्रहालय को पीएम म्यूजियम में तब्दील करने का फैसला किया गया था।
पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवारों से संपर्क किया गया
कैबिनेट बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को स्वीकार करने के लिए यह फैसला किया। हम सभी पीएम के योगदान को मान्यता देना चाहते हैं। प्रधानमंत्री संग्रहालय में सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के कामों को दिखाया गया है। पूर्व प्रधानमंत्रियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए उनके परिवारों से भी संपर्क किया गया था।
संग्रहालय में महत्वपूर्ण पत्राचार (अहम कॉरस्पॉन्डेंस), कुछ व्यक्तिगत वस्तुओं, उपहार और यादगार वस्तुएं, सम्मान, पदक, स्मारक टिकट, सिक्के भी रखे गए हैं। दूरदर्शन, फिल्म डिवीजन, संसद टीवी, रक्षा मंत्रालय, मीडिया हाउस (भारतीय और विदेशी), प्रिंट मीडिया, विदेशी समाचार एजेंसियों, विदेश मंत्रालय आदि संस्थानों के जरिए जुटाई गई।
इन पीएम के बारे में जानने का मौका
संग्रहालय में जवाहर लाल नेहरू, गुलजारी लाल नंदा, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, पीवी नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी, एचडी देवगौड़ा, इंद्रकुमार गुजराल, मनमोहन सिंह को शामिल किया जाएगा। यहां सभी आजाद भारत के प्रधानमंत्रियो के बारे में पता चलेगा। पारंपरिकता से लेकर आधुनिक भारत की जानकारी मिलेगी।
डिजाइन उभरते भारत की प्रतीक
पीएम संग्रहालय भारत के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर संविधान के निर्माण तक की कहानी बताएगा। इसमें बताया गया है कि कैसे हमारे प्रधानमंत्रियों ने चुनौतियों से देश को उबारा और देश की तरक्की सुनिश्चित की। संग्रहालय भवन की डिजाइन उभरते भारत की कहानी से प्रेरित है। इसे नेताओं के हाथों का आकार दिया गया है। डिजाइन में ऊर्जा संरक्षण के इंतजाम किए गए हैं।
अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल
प्रधानमंत्री संग्रहालय में युवाओं को सूचना आसान और रोचक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी-आधारित संचार सुविधाओं का इंतजाम किया गया है। प्रदर्शनी को अत्यधिक इंटरैक्टिव बनाने के लिए होलोग्राम, वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी, मल्टी-टच, मल्टी-मीडिया, इंटरेक्टिव कियोस्क, कम्प्यूटरीकृत काइनेटिक मूर्तियां, स्मार्टफोन एप्लिकेशन, इंटरेक्टिव स्क्रीन आदि लगाई गई हैं।