एग्जाम देते-देते हम एग्जाम प्रूफ हो गए हैं, दोस्तों को कॉपी न करें: मोदी

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Atul Tiwari
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एग्जाम देते-देते हम एग्जाम प्रूफ हो गए हैं, दोस्तों को कॉपी न करें: मोदी

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 अप्रैल को स्टूडेंट्स से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में रूबरू हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में करीब ढाई घंटे करीब एक हजार छात्रों से बात की। मोदी ने खुद भी अपनी बात रखी और स्टूडेंट्स के कई सवालों के जवाब भी दिए। इसमें कई तरह के सवाल शामिल रहे, जैसे एग्जाम के कारण तनाव को कैसे कम करें, मोटिवेशन के लिए क्या करें, मां-बाप को सपनों के बारे में कैसे समझाएं। छात्र-छात्राओं के अभिभावक और टीचर्स भी कार्यक्रम में शामिल रहे।





मोदी ने छात्रों को परीक्षा से ना डरने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि अब तो हम परीक्षा देते-देते परीक्षा प्रूफ (Exam Proof) हो चुके हैं। यहां पर (कार्यक्रम में) कोई भी बच्चा ऐसा नहीं होगा, जो पहली बार परीक्षा दे रहा होगा। परीक्षाएं हमारे जीवन में मील के पत्थर की तरह होती हैं। मोदी पांचवीं बार परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में बच्चों को संबोधित किया।







— ANI (@ANI) April 1, 2022





पीएम मोदी ने तालकटोरा स्टेडियम में पहुंचकर सबसे पहले देशभर के छात्रों द्वारा बनाई गई कई प्रदर्शनी परियोजनाओं को देखा। इस दौरान उन्होंने बच्चों के ऑटोग्राफ भी लिए।







— ANI (@ANI) April 1, 2022





प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तालकटोरा स्टेडियम में दिव्यांग खुद बच्चों के पास जाकर मुलाकात की।







— ANI (@ANI) April 1, 2022





प्रधानमंत्री की खास बातें





1. मैं चाहता हूं कि बच्चे तनाव के माहौल से दूर रहें। अपने दोस्तों को कॉपी ना करें। जो करें, पूरे विश्वास के साथ करें। मुझे विश्वास है कि आप लोग परीक्षा को एक त्योहार के रूप में लेंगे। 







— ANI (@ANI) April 1, 2022





2. सवाल: क्या परीक्षा को गंभीरता से लेना चाहिए?





मोदी: शिक्षक और परिजन जो अपने बचपन में नहीं कर पाए, वे चाहते हैं कि बच्चा उसे पूरा करे। हम बच्चों की सीमा, अपेक्षा और खूबी को बिना पहचाने धक्का मारते हैं। अपनी आशाओं के कारण बच्चों पर बोझ नहीं बढ़ाना चाहिए। शिक्षक और परिजन की बात भी सुननी है और हमें उन चीजों पर भी ध्यान देना है कि हममें कितना सामर्थ्य हैं। 





3. सवाल: आजकल सोशल मीडिया एडिक्शन भी काफी सामने आ रहा है। इस पर क्या कहेंगे?





मोदी: जब आप ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं तो क्या आप सच में पढ़ाई करते हैं या रील देखते हैं? दोष ऑनलाइन या ऑफलाइन का नहीं है। क्लास में भी कई बार आपका शरीर क्लास में होता है, आपकी आंखें टीचर की तरफ होंगी, लेकिन कान में एक भी बात नहीं जाती, क्योंकि आपका दिमाग कहीं और होता है। मन कहीं और होगा तो सुनना ही बंद हो जाता है। जो चीजें ऑफलाइन होती हैं, वही ऑनलाइन भी होती हैं। इसका मतलब है कि माध्यम समस्या नहीं है, मन समस्या है। माध्यम ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, अगर मन पूरा उसमें डूबा हुआ है, तो आपके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन का कोई फर्क नहीं पड़ेगा।





4. सवाल: न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर क्या कहेंगे?





मोदी: यह न्यू नहीं, नेशनल एजुकेशन पॉलिसी है, जो व्यक्तित्व के विकास पर जोर दे रही है। ज्ञान के भंडार से ज्यादा जरूरी स्किल डेवलपमेंट है। हमने इस तरह का खाका बनाया है, जिसमें अगर पढ़ाई के बीच में आपको मन ना लगे, तो आप छोड़ कर दूसरा कोर्स भी कर सकते हैं। खेल पर भी ध्यान दें, क्योंकि खेल-खेल में बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं। खिलने के लिए खेलना जरूरी है।





5. खुद की परीक्षा लेते रहें: पीएम ने कहा कि खुद की परीक्षा लें। मेरी किताब एग्जाम वॉरियर्स में लिखा है कि कभी एग्जाम को ही एक चिट्ठी लिख दो- हे डियर एग्जाम, मैं इतना सीख कर आया हूं। इतनी तैयारी की है, तुम कौन होते हो मेरा मुकाबला करने वाले। मैं तुम्हें नीचे गिराकर दिखा दूंगा। रीप्ले करने की आदत बनाइए। एक-दूसरे को सिखाइए।





6. प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि पहले खुद को ऑब्जर्व करें कि किस बात से आप डिमोटिवेट हो जाते हैं। फिर ये देखें कि कौन सी बातें आपको आसानी से मोटिवेट करती है। आपको खुद के विषय में एनालिसिस की जरूरत है। किसी का सहारा या सहानूभूति लेने की कोशिश न करें। खुद की हिम्मत से काम लें। 





शिवराज ने भी सुनी मोदी की चर्चा





भोपाल में एक स्कूल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मोदी की परीक्षा पे चर्चा में शामिल हुए। 







— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 1, 2022



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