New Delhi. अगले लोकसभा चुनाव यानी 2024 में कांग्रेस के लिए प्रशांत किशोर (PK) रणनीति बनाते नजर आ सकते हैं। लगातार कई महीनों तक चली बैठकों और मुलाकातों के बाद PK की कांग्रेस में एंट्री करीब-करीब तय मानी जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के दो मुख्यमंत्रियों भूपेश बघेल और अशोक गहलोत ने कहा है कि PK का जुड़ना पार्टी के लिए फायदेमंद रहेगा।
जानकारी के मुताबिक, PK को कांग्रेस में पार्टी महासचिव का पद दिया जा सकता है। वे स्ट्रैटजी और अलायंस पर काम करेंगे। अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस में पहली बार इस तरह के पद बनाए जाएंगे। दो लोकसभा और 20 से ज्यादा विधानसभा चुनावों में हार चख चुकी कांग्रेस के लिए PK कितने फायदेमंद होंगे, आइए जानते हैं....
प्रशांत की जिम्मेदारी क्या होगी?
- PK कांग्रेस में गठबंधन सहयोगियों के साथ बातचीत और सीट बंटवारे का काम देखेंगे। वे इसकी रिपोर्ट सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को करेंगे।
मिशन 2024 के लिए प्रशांत की कांग्रेस को 5 सलाह
- पार्टी 370 सीटों पर फोकस करे।
मोदी समेत 6 CM की इमेज चमकाई
प्रशांत पिछले 10 सालों में अलग-अलग नेताओं के लिए चुनावी रणनीति बनाने का काम कर चुके हैं। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन, महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे, बंगाल के CM ममता बनर्जी, बिहार के CM नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के CM जगनमोहन रेड्डी प्रमुख हैं।
PK के इस पद पर आने के बाद पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी को मजबूत गठबंधन सहयोगी मिल सकते हैं।
प्रशांत किशोर के पास करीब 8 राज्यों में काम करने का अनुभव है। इन राज्यों में PK की रणनीति पार्टी के लिए कारगर हो सकती है।
प्रशांत बीजेपी के साथ भी काम कर चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस बीजेपी की कमजोरी और मजबूती भी बेहतर तरीके से जान सकेगी। यह चुनावी रणनीति के लिए फायदेमंद होगा।
कांग्रेस को PK की जरूरत इसलिए भी
पिछले दो दशक से ज्यादा समय से कांग्रेस में अहमद पटेल पॉलिटिकल क्राइसिस और मोतीलाल वोरा वित्तीय परेशानियों का निपटारा करते थे। दोनों के निधन के बाद से कांग्रेस में अब तक कोई भी उनका रोल नहीं ले पाया, जिस वजह से कई राज्यों में कांग्रेस के भीतर अंदरूनी लड़ाई अब भी जारी है।
PK के लिए चुनौती भी कम नहीं
प्रशांत किशोर को कांग्रेस में अंदरूनी और बाहरी दोनों स्तरों पर अपनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी। पार्टी भले 240 सीटों पर बीजेपी से सीधे मुकाबले में हो, लेकिन यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कांग्रेस के करीब 10 सांसद ही हैं। इन सभी राज्यों में पार्टी के भीतर अंदरूनी लड़ाई भी चल रही है। ऐसे में 2024 तक इसे खत्म कर पटरी पर वापस लाना आसान नहीं है।
PK के सामने पार्टी के भीतर बने G-23 नेताओं को भी साथ लेकर चलने की चुनौती होगी। अभी तक PK की मीटिंग में G-23 के नेता शामिल नहीं हुए हैं। ऐसे में उनके शामिल होने के बाद G-23 के नेता PK का स्वागत करेंगे, इस पर भी संशय है। G-23 के वरिष्ठ नेता कांग्रेस आलाकमान से पार्टी के भविष्य को लेकर चिंता जता चुके हैं।
कौन हैं प्रशांत किशोर, 9 पॉइंट्स में
- प्रशांत किशोर का जन्म साल 1977 में बिहार के बक्सर में हुआ। प्रशांत के पिता डॉ. श्रीकांत पांडे पेशे से डॉक्टर हैं और बक्सर में मेडिकल सुपरिटेंडेंट भी रह चुके हैं, मां इंदिरा पांडे हाउस वाइफ हैं। पिता डॉ. श्रीकांत पांडे सरकारी सेवा से रिटायर होने के बाद बक्सर में ही अपनी क्लीनिक चलाते हैं। उनकी पत्नी भी डॉक्टर हैं।