चंडीगढ़. पंजाब की भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann Govt) में कैबिनेट मंत्री रहे विजय सिंगला (Vijay Singla) की दुनिया 24 मई को अचानक से बदल गई। मान ने पहले सिंगला को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया। सिंगला स्वास्थ्य मंत्री थे। सिंगला के मंत्री पद से हटते ही एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) भी हरकत में आ गया। मान के निर्देश पर केस दर्ज कर एसीबी ने सिंगला को अरेस्ट कर लिया।
ये शिकायतें मिल रही थीं
विजय सिंगला पर अफसरों से ठेके पर 1% कमीशन की मांग करने और भ्रष्टाचार में लिप्त होने की शिकायतें आ रही थीं। सिंगला के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप को लेकर पुख्ता सबूत मिलने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। मान ने सिंगला को मंत्रिमंडल से बाहर करने का ऐलान करते हुए कहा कि हम एक परसेंट भ्रष्टाचार भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। जनता ने बहुत उम्मीदों के साथ आम आदमी पार्टी की सरकार बनवाई है। उस उम्मीद पर खरा उतरना हमारा कर्तव्य है। जब तक अरविंद केजरीवाल जैसे भारत माता के बेटे और भगवंत मान जैसे सिपाही हैं, भ्रष्टाचार के खिलाफ महायुद्ध जारी रहेगा।
बात दूर तलक जाएगी
मुख्यमंत्री भगवंत मान के अपने ही मंत्री को बर्खास्त करने के इस कदम को भ्रष्टाचार में लिप्त अन्य नेताओं और अधिकारियों के लिए भी कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है। पंजाब में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री ने अपने ही मंत्री को भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त कर दिया हो। पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने भ्रष्टाचार को लेकर भी सत्ताधारी कांग्रेस पर जमकर हमला बोला था। पार्टी ने सिस्टम में गहराई तक जड़े जमाए बैठे भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने के वादे किए थे। और अब सरकार ने इसी दिशा में एक्शन लेना शुरू भी कर दिया है।