Delhi. गुजरात दंगे ( Gujarat Riots ) मामले में गिरफ्तार की गईं तीस्ता सीतलवाड़ ( Teesta Setalvad ) को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। गुजरात दंगों से जुड़े साजिश मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर चीफ जस्टिस यूयू ललित ( Chief Justice UU Lalit ) की बेंच में करीब 1 घंटे 10 मिनट से ज्यादा देर तक सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने कहा कि तीस्ता गिरफ्तारी के बाद से या तो रिमांड या कस्टडी में रहीं। उन्हें अब जेल में नहीं रखा जा सकता है। आदेश में कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया है कि तीस्ता को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना पड़ेगा। जब तक हाई कोर्ट से उन्हें रेगुलर बेल नहीं मिल जाती, वे देश के बाहर नहीं जा सकतीं। वहीं तीस्ता को इस मामले में जांच एजेंसियों को लगातार अपना सहयोग देना होगा। 25 जून को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने सीतलवाड़ को मुंबई से गिरफ्तार किया था। 30 जुलाई को निचली अदालत ने उनकी जमानत खारिज कर दी थी।
गवाहों को भड़काने का आरोप
जिस मामले में ये सुनवाई हुई है वो 2002 के गुजरात दंगे से जुड़ा हुआ है। तीस्ता पर आरोप है कि उन्होंने गवाहों को भड़काया था। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री (अब प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने की एसआईटी रिपोर्ट को चुनौती देने वाली जाकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि तीस्ता सीतलवाड़ अपने स्वार्थ सिद्ध करने में जुटी रहीं। कोर्ट ने संजीव भट्ट और आरबी श्रीकुमार की ओर से झूठा हलफनामा दायर किए जाने का भी जिक्र किया था।
गुजरात सरकार ने जमानत का किया था विरोध
30 अगस्त को गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर तीस्ता की जमानत का विरोध किया था। सरकार ने कहा- तीस्ता के खिलाफ FIR न केवल सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आधारित है, बल्कि सबूतों द्वारा समर्थित है।
SC की टिप्पणी के बाद गुजरात पुलिस ने किया था गिरफ्तार
सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली SIT रिपोर्ट के खिलाफ याचिका को 24 जून को खारिज कर दिया था। याचिका जकिया जाफरी ने दाखिल की थी। जकिया जाफरी के पति एहसान जाफरी की इन दंगों में मौत हुई थी। कोर्ट ने तीस्ता की भूमिका की जांच की बात कही थी।