आज साल का आखिरी और दूसरा सूर्य ग्रहण ( Solar Eclipse ) लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना ( Astronomical phenomenon ) माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र ( Astrology ) में इस घटना का विशेष महत्व है क्योंकि सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। इसलिए जब भी सूर्य से जुड़ी कोई हलचल होती है तो उसका सीधा असर धरती पर रहने वाले जीवों पर पड़ता है। सूर्य ग्रहण को लेकर सिर्फ वैज्ञानिक ही नहीं बल्कि ज्योतिष भी सतर्क रहते हैं। तो चलिए आपको सूर्य ग्रहण के बारे में बताते हैं और साथ ही यह भी बताएंग कि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण कहां-कहां लगने जा रहा है।
कब से कब तक सूर्य ग्रहण?
भारतीय समय के अनुसार, साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण आज रात 9:12 बजे से शुरू होगा, जो 3 अक्टूबर की सुबह 3:17 बजे समाप्त होगा। सबसे बड़ी बात यह है कि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। जिसके कारण इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा। इसका मतलब है कि इस ग्रहण का देश पर कोई भौतिक प्रभाव, आध्यात्मिक प्रभाव, सूतक प्रभाव या किसी भी तरह का धार्मिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। जानकारी के लिए बता दें कि इस ग्रहण के दौरान भारत में रहने वाले लोगों की दिनचर्या हर दिन की तरह सामान्य रहेगी।
इन देशों में दिखेगा सूर्य ग्रहण
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि ( Amavasya date ) को लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारत छोड़ दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भागों, प्रशांत महासागर ( pacific ocean ) , अटलांटिक, आर्कटिक, चिली, पेरू, होनोलुलु, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स, बेका द्वीप, फ्रेंच पोलिनेशिया महासागर, उत्तरी अमेरिका के दक्षिणी भाग, फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मैक्सिको और पेरू में कुछ स्थानों पर लगेगा।
क्यों लगता है सूय ग्रहण?
अगर बात करें कि सूर्य ग्रहण क्यों होता है... तो आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण तब लगता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक रेखा में आ जाते हैं और जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, जिससे चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है और धरती के एक भाग पर अंधेरा छा जाता है। इसी घटनाक्रम को सूर्य ग्रहण के नाम से जानते हैं।
सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद क्या करें?
सूर्य ग्रहण को लेकर शास्त्रों में कई बातें कही गई हैं। साथ ही कहा गया है कि जब सूर्य ग्रहण लगता है तो इस दौरान भगवान को याद करना चाहिए ताकि आपकी मनोकामनाएं पूरी हों। ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप करना चाहिए, भगवान का ध्यान करना चाहिए। वहीं ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करके गरीबों को दान देना चाहिए। इससे आप और आपके परिवार के सदस्य खुश रहते हैं।
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