ठाकरे ने एकनाथ से छीना चीफ व्हिप का पद, कांग्रेस ने कमलनाथ को बनाया पर्यवेक्षक

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Pratibha Rana
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ठाकरे ने एकनाथ से छीना  चीफ व्हिप का पद,  कांग्रेस ने कमलनाथ को बनाया पर्यवेक्षक

Maharashtra. महाराष्ट्र में एमएलसी चुनाव (MLC election) के बाद शिवसेना में फूट के आसार बन गए है। क्रास वोटिंग के बाद उभरे विवाद के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार पर भी संकट के बादल गहरा गए हैं। सीएम ठाकरे ने आज सभी विधायकों की बैठक बुलाई है, लेकिन शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) सहित 25 विधायक गायब हैं। सरकार और प्रशासन को भी ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। एकनाथ सहित 11 विधायक देर रात गुजरात के सूरत की एक होटल में है, लेकिन सीएम उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) से किसी का संपर्क नहीं हो पा रहा है। सूत्रों के मुताबिक एकनाथ बीजेपी के कांटेक्ट में नहीं हैं और वे शिवसेना से नाराज चल रहे हैं। कल 20 जून को हुए विधान परिषद चुनाव में ही शिवसेना में टूट के संकेत मिल गए थे, जब को क्रॉस वोटिंग के कारण शिवसेना पांच सीटें ही जीत सकी और पांच सीटें बीजेपी के खाते में पहुंच गई। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि शिवसेना में एकनाथ के साथ कई विधायक नाराज़ हैं। सूत्रों के मुताबिक एकनाथ शिंदे के साथ अलीबाग के विधायक महेंद्र दलवी(Mahendra Dalvi), पालघर के विधायक श्रीनिवास वनगा, भिवंडी ग्रामीण के विधायक शांताराम मोरे भी शामिल हैं। महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव में अघाड़ी गठबंधन में हार से नाराज सिर्फ शिवसेना खेमे में नहीं है, कहा जा रहा है कि बाला साहेब थोराट विधानसभा में कांग्रेस दल के नेता के पद से इस्तीफा दे सकते हैं। 



सूरत की होटल में हैं विधायक 



एमएलसी चुनाव के तत्काल बाद से ही सीएम और विधायकों के बीच दूरी बन गई थी और अब विवाद सामने आ गया है। कई विधायक बीजेपी नेताओं के संपर्क में है। सूरत के ग्रैंड भगवती हॉटल (Grand Bhagwati Hotel) में सभी विधायकों ने खुद को कैद कर लिया है। होटल में सुरक्षा सख्त कर दी गई है। बाहर सड़क से ही पुलिस का सख्त पहरा है। किसी को इ​न विधायकों से मिलने नहीं दिया जा रहा है। फोन पर भी इन विधायकों का सरकार के लोगों का संपर्क नहीं हो पा रहा है। सुबह से इन विधायकों के गायब रहने से सरकार की पेशानी पर भी बल आ गए है। किसी भी स्थिति में इनसे संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। 



ये है महाराष्ट्र विधानसभा का गणित



महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं। शिवसेना के एक विधायक के निधन के बाद यह संख्या 287 है और सरकार के लिए 144 विधायक चाहिए। महा विकास अघाड़ी के पास 169 विधायकों का समर्थन हासिल है। मौजूदा सरकार में शिवसेना के 56, एनसीपी के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक शामिल थे। इसके अलावा सपा (समाजवादी पार्टी) के 2, पीजीपी () के 2, बीवीए के 3 और 9 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी सरकार को हासिल था।



ऐसे संकट में आएगी सरकार



उधर विपक्ष के पास 113 विधायक हैं। इसमें बीजेपी के 106, आरएसपी के 1, जेएसएस के 1 और 5 निर्दलीय विधायक शामिल हैं। वहीं, अन्य दलों के पास 5 विधायक हैं। इसमें AIMIM के 2, सीपीआई का 1 और एमएनएस का 1 विधायक शामिल हैं। एकनाथ शिंदे के साथ बगावत करने वाले 26 विधायक हैं, जो उद्धव सरकार के साथ थे। ऐसे में अब उद्धव सरकार से इन 26 विधायकों का समर्थन हटा देते हैं तो 143 विधायक बचते हैं।



एकनाथ शिंदे को हटाया



दोपहर में शिवसेना की हुई बैठक में एकनाथ शिंदे को चीफ व्हिप पद से हटा दिया गया है। जबकि उनके स्थान पर अजय चौधरी को चीफ व्हिप बनाया गया है। 



कांग्रेस ने कमलनाथ को किया तैनात

महाराष्ट्र में चल रही उठापटक के बीच कांग्रेस आलाकमान के भी कान खड़े हो गए है। ऐसे में कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को पर्यवेक्षक बनाकर मुंबई भेजा है। ऐसे में माना जा रहा है कि, कांग्रेस अपने विधायकों को लेकर किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतना चाहती है। 



क्रॉस वोटिंग से निकली नाराजगी 



महाराष्ट्र में राज्य सभा चुनाव के बाद विधान परिषद चुनाव में भी BJP ने बड़ा उलटफेर करते हुए 10 में से पांच सीट पर जीत हासिल कर ली है। इस चुनाव में बड़ी बात यह है कि शिवसेना और कांग्रेस में जमकर क्रॉस वोटिंग हुई, जिससे बीजेपी का पलड़ा भारी पड़ गया। बीजेपी से जीतने वाले श्रीकांत भारतीय को 30 वोट, राम शिंदे को भी 30 वोट, प्रवीण दरेकर को 29 वोट मिले. वहीं उमा खापरे को 28 वोट  और प्रसाद लाड़ को 25 वोट मिले लेकिन दूसरी प्राथमिकता के आधार पर उन्हें विजय घोषित कर दिया गया।


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