योगेश राठौर, INDORE. इंदौर के खजराना गणेश पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। खजराना गणेश मंदिर की महिमा ऐसी है कि इनके भक्त देश-विदेश में भी हैं। इस मंदिर में सबकुछ अद्भुत है। खजराना गणेश मंदिर एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान की चौखट पर पट ही नहीं हैं। भक्तों के लिए ये मंदिर 24 घंटे खुला रहता है। श्री गणपति अथर्वशीष का जाप यहां पर 35 सालों से जारी है।
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औरंगजेब से बचाने के लिए कुएं में छुपाई मूर्ति
खजराना गणेश मंदिर चमत्कारी मंदिर है। मंदिर के पुजारी अशोक भट्ट का कहना है कि भगवान गणेश की ये स्वयंभू मूर्ति है। इसे औरंगजेब से बचाने के लिए कुएं में छुपा दिया गया था। औरंगजेब हिंदू मंदिरों को तोड़ने पर अड़ गया था। इसलिए जब वो अपनी सेना के साथ मालवा आया तो भगवान गणेश की मूर्ति को कुएं में छुपा दिया गया था।
देवी अहिल्याबाई ने कुएं से निकाली मूर्ति
खजराना गणेश की प्रतिमा कई सालों तक कुएं में रही। देवी अहिल्याबाई अपनी ईश्वर के प्रति भक्ति के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध थीं। उनके शासन में एक पंडित मंगल भट्ट को सपना आया और कुएं में गणेश प्रतिमा होने की बात पता चली। जब पंडित ने इस बारे में देवी अहिल्या को बताया तो उन्होंने कुएं से मूर्ति निकाली और सन 1735 ईसवी में भव्य मंदिर का निर्माण कराकर स्थापना की।
उल्टा स्वास्तिक बनाने की अनूठी परंपरा
खजराना गणेश मंदिर से जुड़ी एक अनूठी परंपरा है। यहां पर गणेश जी की पीठ की ओर बनी दीवार पर गोबर या सिंदूर से उल्टा स्वास्तिक बनाया जाता है। भक्त गणेश जी से मनोकामना पूर्ति के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। जब उनकी इच्छा पूरी हो जाती है तो दोबारा मंदिर आकर सीधा स्वास्तिक बनाते हैं। खजराना गणेश मंदिर में नवजात शिशुओं के वजन के बराबर लड्डू का भोग लगाया जाता है।
खजराना गणेश सबसे धनी मंदिरों में से एक
खजराना गणेश का ढाई करोड़ के गहनों से श्रृंगार किया जाता है। ये देश के सबसे धनी मंदिरों में शामिल है। भक्तों के चढ़ावे की वजह से यहां चल और अचल संपत्ति भरपूर है। मंदिर की दान पेटी में विदेशी मुद्राएं भी निकलती हैं। दान पेटी से करोड़ों रुपए का चढ़ावा निकलता है। लोग जेवर और प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री भी खजराना गणेश को अर्पित करके जाते हैं।
खजराना गणेश की हीरे की आंख
खजराना गणेश मंदिर में लोगों की भारी आस्था है। भगवान गणेश की दोनों आंखों हीरे की हैं। ये हीरे की आंखें इंदौर के ही एक व्यापारी ने दान की थीं। गर्भगृह की दीवारें और छत पर चांदी मढ़ी हुई है। भक्त सोना-चांदी और जेवरात दान करते रहते हैं। इसमें भारतीय ही नहीं विदेशी भक्त भी शामिल हैं।
सेफ भोग प्लेस खजराना गणेश मंदिर
खजराना गणेश का आशीर्वाद लेने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। खजराना गणेश मंदिर को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने सेफ भोग प्लेस भी घोषित कर रखा है। इसका मतलब है कि यहां मिलने वाला लड्डू प्रसाद और अन्न क्षेत्र का भोजन गुणवत्तापूर्ण और शुद्ध है।