मह‍िला आरक्षण ब‍िल के खिलाफ दो सांसदों ने डाला था वोट, कौन हैं वो और उन्होंने ऐसा क्‍यों किया?

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Pratibha Rana
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मह‍िला आरक्षण ब‍िल के खिलाफ दो सांसदों ने डाला था वोट, कौन हैं वो और उन्होंने ऐसा क्‍यों किया?

New Delhi. लोकसभा में बुधवार (20 सितंबर) को महिला आरक्षण बिल यानी ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ 454 वोटों के साथ बहुमत से पारित हो गया। इसकी हर ओर तारीफ कर रहा है, हालांकि उन दो सांसदों की बात भी कर रहा है, ज‍िन्‍होंने इस ब‍िल के ख‍िलाफ मतदान क‍िया है। इनके नाम हैं असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील। इन्होंने ही बिल के खिलाफ वोट किया, क्योंकि एआईएमआईएम ने बिल का विरोध किया था। इतना ही नहीं, ओवैसी ब‍िल के पार‍ित होने के बाद कह भी चुके हैं क‍ि उन्‍होंने इसके ख‍िलाफ वोट‍िंग की थी, वहीं अपनी बहस के दौरान औवैसी ने कहा था कि यह बिल केवल सवर्ण महिलाओं की भागीदारी को सुविधाजनक बनाएगा। मुस्लिम महिलाओं को इससे कोई फायदा नहीं।

AIMIM ने क्यों किया विधेयक का विरोध?

सदन में ओवैसी ने कहा कि संसद में कम प्रतिनिधित्व वाली ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं को कोई कोटा क्यों नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, मैं इस कानून का विरोध करता हूं। विधेयक के लिए जो औचित्य बताया जा रहा है, वह यह है कि अधिक महिलाएं संसद में निर्वाचित होंगी। यदि यही औचित्य है तो उस औचित्य को ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं तक क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में इसका विरोध जरूरी है।

मुस्लिम महिला : आबादी का 7%, लोकसभा में प्रतिनिधित्व 0.7%

ओवैसी ने कहा, हम जानते हैं कि मुस्लिम महिलाओं की आबादी का सात प्रतिशत है, लेकिन इस लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व केवल 0.7 प्रतिशत है। इसको लेकर ओवैसी ने आगे कहा, केन्‍द्र सरकार सवर्ण महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है। वह ओबीसी महिलाओं और मुस्लिम महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व नहीं चाहते हैं।

690 महिला सांसद में से केवल 25 मुस्लिम समुदाय से

औवेसी ने बताया, लोकसभा में 690 महिला सांसद चुनी गई हैं और उनमें से केवल 25 मुस्लिम समुदाय से आई हैं। उन्होंने कहा क‍ि मैंने सुना है कि धार्मिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता? 1950 का राष्ट्रपति आदेश क्या है? इस आरक्षण में आरक्षण से इनकार करके आप मुस्लिम महिलाओं को धोखा दे रहे हैं।

बिल पास, जानें अब क्या होंगे फायदे

महिला आरक्षण ब‍िल को लोकसभा से मंजूरी म‍िलने के बाद संसद के निचले सदन और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान शामिल है। इससे संबंधित ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर करीब आठ घंटे की चर्चा के बाद लोकसभा ने दो के मुकाबले 454 वोट से अपनी मंजूरी दी। सदन में कांग्रेस, सपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का समर्थन किया, हालांकि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने विधेयक का विरोध किया। सदन में ओवैसी समेत एआईएमआईएम के दो सदस्य हैं।

कौन है असदुद्दीन ओवैसी?

असदुद्दीन ओवैसी का जन्‍म 13 मई 1969 को हुआ। वह जो ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष हैं। वह हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद हैं और प‍िछले तीन बार से लोकसभा चुनाव जीत रहे हैं। ओवैसी ने 1994 में आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव से अपनी राजनीतिक की शुरुआत की थी। चारमीनार निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए, जहां से उनकी पार्टी वर्ष 1967 से जीत रही थी, उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मजलिस बचाओ तहरीक के उम्मीदवार को 40 हजार वोटों के अंतर से हराया था। 2004 के चुनाव में सैयद अहमद पाशा कादरी उनके उत्तराधिकारी बने और निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के सदस्य बने।

कौन है इम्‍त‍ियाज जलील सय्यद?

सय्यद इम्तियाज जलील का जन्‍म 10 अगस्त 1968 को हुआ। वह ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सदस्य हैं। 2014 में उन्‍होंने महाराष्ट्र की औरंगाबाद सीट से व‍िधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हास‍िल की। इसके बाद पार्टी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में ट‍िकट द‍िया। जलील ने 2019 में औरंगाबाद लोकसभा सीट से भी जीत हास‍िल की।



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