UDAIPUR MURDER: 54 कॉल, 12 से 38 सेकंड की बात, ऐसे खुलेगा देश में ISIS के अल सूफा का राज! केरल से प. बंगाल तक नजर

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Atul Tiwari
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UDAIPUR MURDER: 54 कॉल, 12 से 38 सेकंड की बात, ऐसे खुलेगा देश में ISIS के अल सूफा का राज! केरल से प. बंगाल तक नजर

NEW DELHI/JAIPUR. उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल के मर्डर के बाद पकड़े गए मोहम्मद गौस और रियाज के मोबाइल फोन से की गई 12 सेकंड से लेकर 38 सेकंड की 54 कॉल देश में ISIS के स्लीपर सेल का पूरे मॉड्यूल की जानकारी दे देंगी। उदयपुर की घटना के बाद जांच एजेंसियों को ऐसे अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिनसे पता चलता है कि मोहम्मद गौस और रियाज ISIS के स्लीपर सेल अल सूफा को मजबूत करने के लिए ना सिर्फ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बल्कि केरल और पश्चिम बंगाल तक में अपनी जड़ें फैलाने में लगे थे। इस पूरे मामले की जांच कर रही मुख्य जांच एजेंसी के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में जांच एजेंसियों को जो सबूत मिले हैं, उससे इशारे बिल्कुल साफ है कि अभी बहुत कुछ मिलना बाकी है। 



गौस और रियाज के नंबरों से ये पता चला



देश के अलग-अलग जांच एजेंसियों में शामिल सूत्रों के मुताबिक, उदयपुर की घटना पकड़े गए मोहम्मद गौस और रियाज के मोबाइल और उनकी कॉल डिटेल एक अलग ही कहानी कह रही है। सूत्रों का कहना दोनों के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकालने के बाद कुछ नंबर ऐसे मिले, जिनसे दोनों आरोपी न सिर्फ छोटी-छोटी और बहुत कम सेकंड की बात करते थे। घटना को अंजाम देने से पहले दोनों आरोपियों ने देश के अलग-अलग राज्यों में 12 से 38 सेकंड की कई कॉल की थी। इसमें यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान, केरल और पश्चिम बंगाल के कुछ शहर शामिल हैं। अलग-अलग राज्यों के कुछ प्रमुख शहरों में 54 ऐसे नंबर मिले, जो देश में पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से जुड़े नेटवर्क के साथ-साथ अल सूफा जैसे संगठनों की स्लीपर सेल की तह तक जाने में मददगार साबित हो सकते हैं।



अन्य देशों में फैले आतंकी संगठनों से कॉन्टैक्ट की भी आशंका



सूत्रों के मुताबिक, दोनों आरोपी पाकिस्तान के अलावा दुनिया के अलग-अलग मुल्कों में फैले आतंकी संगठनों के संपर्क में भी थे। दोनों आरोपियों ने उत्तर प्रदेश के कानपुर से लेकर लखनऊ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में संपर्क कर अपने मंसूबों को आगे बढ़ाने के लिए नेटवर्क फैलाना शुरू किया था। जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इन दोनों लोगों की कॉल डिटेल के बाद रडार पर आए कुछ अन्य लोगों की भी कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि बीते कुछ दिनों में देश में हुई घटनाओं और उदयपुर की घटना का आपस में संबंध ना हो। हालांकि, जब तक इस दिशा में कोई ठोस सबूत सामने ना जाए, तब तक इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती। फिलहाल जांच जारी है।



अलग-अलग राज्यों की टास्क फोर्स पूछताछ करेगी



उदयपुर हत्याकांड के आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, लेकिन रिमांड पर लेने के बाद उनसे ना सिर्फ जांच करने वाली एजेंसी, बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों की टास्क फोर्स भी पूछताछ करेंगी। कुछ राज्यों की पुलिस तो राजस्थान रवाना भी हो चुकी है और फिर रिमांड का इंतजार किया जा रहा है। बहुत कुछ सबूत के तौर पर जुटाया जा रहा है। कुछ अहम गिरफ्तारियां हुई हैं, जबकि कुछ जल्द होनी हैं। इसके अलावा कॉल डिटेल के आधार पर आगे की कार्रवाई की जानी शुरू कर दी गई है। जानकारी के मुताबिक, पकड़े गए दोनों आरोपी अपना सिम कार्ड बदलते रहते थे। इसलिए उन पुराने मोबाइल नंबर की भी कॉल डिटेल निकाल कर उनका पूरा नेटवर्क और बातचीत की पूरी डिटेल खंगाली जा रही है। 



ये है फोन पर कम बात करने की वजह



जानकारों का कहना है कि जब कभी किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया जाता है तो पेशेवर अपराधी या आतंकी ज्यादा देर बात नहीं करते। खुफिया एजेंसी से जुड़े रहे अधिकारियों का मानना है कि कम देर की बात या तो निर्देश देने के लिए की जाती है या सिर्फ निर्देश लेने के लिए। बातचीत ज्यादातर कोड वर्ड में ही होती है। जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक जो शुरुआती दौर में सबूत मिले हैं, वे ऐसे नेटवर्क का इशारा कर रहे हैं, जो स्लीपर मोड में देश के अलग-अलग राज्यों में फैला है।


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