लखनऊ. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या का मामला जल्दी खत्म होने वाला नहीं दिखता। बदलते घटनाक्रम में 5 अक्टूबर को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को बाकायदा गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन और शांतिभंग की आशंका जैसी धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया। कुछ देर में उन्हें कोर्ट में पेश किया जा सकता है। उन्हें 4 अक्टूबर को सीतापुर के हरगांव में हिरासत में लिया गया था। इसके बाद उन्हें सीतापुर गेस्ट हाउस ले जाया गया था। बताया जा रहा है कि गेस्ट हाउस को ही अस्थाई जेल बनाया गया है।
11 लोगों के खिलाफ केस
पुलिस ने प्रियंका समेत 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, इनमें कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा और यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी शामिल हैं। उधर प्रियंका की गिरफ्तारी से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ता पीएसी गेस्ट हाउस के बाहर हंगामा कर रहे हैं। उन्होंने गेस्ट हाउस के बाहर बैरिकेड्स तोड़ दिए और नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से तीखी झड़प हो गई, क्योंकि कार्यकर्ता खाना बनाने का सामान और टेंट लेकर पहुंच गए थे और पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
दबाव में थी सरकार
कल यानी 4 अक्टूबर को तड़के साढ़े पांच बजे जब प्रियंका को हिरासत में लिया गया तो उन्होंने पुलिस अफसरों जमकर आड़े हाथ लिया। उन्होंने पुलिस से पूछा था कि आखिर किस अपराध के तहत हिरासत में लिया जा रहा है। 5 अक्टूबर को प्रियंका ने ट्वीट किया कि उन्हें 28 घंटे से बिना किसी ऑर्डर के हिरासत में रखा है। मतलब साफ है कि योगी सरकार पर काफी दबाव था।
कांग्रेस फ्रंटफुट पर
इस बीच प्रियंका गांधी से सीतापुर मिलने जा रहे छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लखनऊ एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया। वहीं, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने यूपी पुलिस की कार्रवाई को गैर-कानूनी और शर्मनाक बताया। चिदंबरम ने दावा किया है कि प्रियंका को सुबह 4.30 बजे सूरज उगने से पहले पुरुष पुलिसकर्मी ने हिरासत में लिया था।
मंत्री का अपना दावा
केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा है कि मुझे नहीं पता कि लखीमपुर की घटना कैसे हुई। जो वीडियो और फोटो सामने आए हैं, उनमें दिख रहा है कि कार से निकालकार ड्राइवर की हत्या कर दी गई। अगर वहां मेरा बेटा होता तो वह मारा जाता, क्योंकि उस जगह से निकलना मुश्किल था।