CG असेंबली में मछली बाजार और निपोरचंद पर हंगामा, माफी पर अड़ा विपक्ष

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Atul Tiwari
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CG असेंबली में मछली बाजार और निपोरचंद पर हंगामा, माफी पर अड़ा विपक्ष

रायपुर. सहकारी समिति (नवागढ़) में धान खरीदी में गड़बड़ी के मसले पर कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा के ध्यानाकर्षण पर बहस के दौरान मंत्री अमरजीत भगत की गई टिप्पणी पर बवाल मच गया। हंगामा तब और तेज हो गया, जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने बेहद तीखे तेवरों के साथ मंत्री भगत की टिप्पणियों की आलोचना कर दी। वहीं, ध्यानाकर्षण लाने वाले कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा ने भी  जवाब ना मिलने पर लगातार प्रश्न कर व्यवस्था मांगी।



एक के बाद एक टिप्पणियां: कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा के ध्यानाकर्षण के जवाब में मंत्री अमरजीत भगत ने सदन को जानकारी देते हुए स्वीकारा कि गड़बड़ी पाई गई। लेकिन अपने जवाब में मंत्री अमरजीत भगत ने दोषियों पर कार्रवाई के विषय में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इस पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया और सरकार पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। कार्रवाई की मांग आशीष छाबड़ा ने भी रखी। इस पर मंत्री अमरजीत भगत ने हंगामा कर रहे विपक्ष पर टिप्पणी की- क्या मछली बाजार बनाए हो।  

  

इस टिप्पणी पर विपक्ष उबल गया और आसंदी से व्यवस्था मांगते हुए नारेबाजी करने लगा। इस बीच हंगामा जारी था, मंत्री अमरजीत भगत ने दूसरी टिप्पणी कर दी- निपोरचंद हैं ये। हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। लेकिन बीजेपी विधायक नारेबाजी करते हुए वेल तक पहुंच गए।

  

कार्यवाही शुरू होने के बाद भी विधायक शांत नहीं: दस मिनट के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सबको चकित करते हुए कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने तीखे तेवरों से मंत्री अमरजीत भगत की टिप्पणियों की आलोचना की। इस पर आसंदी ने बृहस्पति की टिप्पणियों को विलोपित करने का निर्देश दिया, लेकिन बृहस्पति सिंह शांत नहीं हुए। वे लगातार इस व्यवहार और टिप्पणी की आलोचना करते रहे। 



कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा भी लगातार खड़े रहकर कार्यवाही की मांग करते रहे। कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा ने सदन में कहा 

कि गड़बड़ी हुई है और यह प्रमाणित गड़बड़ी है। मैं सत्ता पक्ष का विधायक हूं और उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

  

आसंदी का हस्तक्षेप: हंगामे के बीच आसंदी से सभापति सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि मछली बाजार शब्द विलोपित किया गया है। जहां तक खेद प्रकट किए जाने का मसला है तो वह मंत्री के विवेक पर है।

  

शून्यकाल में अजय चंद्राकर का सवाल: वहीं, सदन के शून्यकाल में तब हंगामा हो गया, जब विधायक अजय चंद्राकर ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया। चंद्राकर ने इस पर आपत्ति जताई कि बजट पर विभाग में चर्चा कार्यसूची में दर्ज है, लेकिन अब तक विभागों का प्रतिवेदन नहीं पहुंचा। चंद्राकर ने सड़क के मुद्दे पर पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू के अनुपस्थित होने का विषय भी उठाया।



इस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि चंद्राकर झूठ बोल रहे हैं। मरकाम की इस टिप्पणी के बाद विपक्ष ने तीखी आपत्ति जताई। बृजमोहन अग्रवाल ने इस पर व्यवस्था का प्रश्न उठाया और आसंदी से व्यवस्था मांगी। विपक्ष की आपत्ति थी कि निर्देश आसंदी देगी, सीधे कोई सदस्य टिप्पणी नहीं कर सकता। आसंदी से सभापति सत्यनारायण शर्मा ने चंद्राकर की व्यवस्था की मांग पर कहा कि विषय अध्यक्ष के पास लंबित है। जहां तक बृजमोहन की आपत्ति है तो सदन में कोई सदस्य किसी अन्य सदस्य पर सीधी टिप्पणी ना करे।


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