हलाल सर्टिफिकेशन को बैन करेगी उत्तर प्रदेश सरकार, तेल, साबुन, टूथपेस्ट, शहद जैसे प्रोडक्ट्स पर लगेगा बैन, टेरर फंडिंग की आशंका

author-image
Rahul Garhwal
एडिट
New Update
हलाल सर्टिफिकेशन को बैन करेगी उत्तर प्रदेश सरकार, तेल, साबुन, टूथपेस्ट, शहद जैसे प्रोडक्ट्स पर लगेगा बैन, टेरर फंडिंग की आशंका

LUCKNOW. बिना किसी अधिकार के तेल, साबुन, टूथपेस्ट, मधु, खान-पान और सौंदर्य प्रसाधन के उत्पादों को अवैध ढंग से 'हलाल सर्टिफिकेट' देने के काले कारोबार पर अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चाबुक चलने जा रहा है। मजहब की आड़ लेकर एक धर्म विशेष को बरगलाने और अन्य धर्मों के बीच विद्वेष भड़काने की इस नापाक कोशिश का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है और कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। आशंका है कि कूटरचित दस्तावेजों का सहारा लेकर हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर इकट्ठा हो रही अवैध कमाई से आतंकवादी संगठनों और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की फन्डिंग की जा रही है। वहीं अब लखनऊ कमिश्नरेट में एफआईआर भी दर्ज की गई है।

मुंबई, दिल्ली-चेन्नई की संस्थाओं पर केस दर्ज

आशंका जताई जा रही है कि हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर अवैध कारोबार हो रहा है। यही नहीं, सर्टिफिकेशन से अवैध कमाई हो रही है, जिससे आतंकी संगठनों और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को फंडिंग की जा रही है। मामले पर सीएम योगी ने संज्ञान भी लिया है। उन्होंने सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इधर, लखनऊ के हजरतगंज थाने में गुरुवार (16 नवंबर) को हलाल सर्टिफिकेट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसे ऐशबाग के रहने वाले शैलेंद्र कुमार शर्मा ने करवाया है। एफआईआर में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई, जमीयत उलेमा मुंबई के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। मुंबई, दिल्ली-चेन्नई की संस्थाओं पर एफआईआर दर्ज की गई है।

आरोप- आस्था के साथ हो रहा खिलवाड़

शैलेंद्र कुमार ने कहा है कि ये कंपनियां हलाल सर्टिफिकेट अलग-अलग प्रोडक्ट्स के लिए जारी कर रही हैं। इससे प्रदेश के लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ हो रहा है। यूपी में हलाल सर्टिफिकेट देकर एक धर्म विशेष के ग्राहकों को धर्म के नाम से कुछ उत्पादों की ब्रिकी बढ़ाने के लिए आर्थिक फायदा दिया जा रहा है।

साबुन-टूथपेस्ट के लिए दिया जा रहा हलाल सर्टिफिकेट

शैलेंद्र कुमार ने कहा कि जिन कंपनियों ने ऐसा हलाल सर्टिफिकेट इनसे नहीं प्राप्त किया है। उनके उत्पादन की बिक्री को घटाने का कोशिश की जा रही है, जो आपराधिक कृत्य है। आशंका है कि इस अनुचित फायदा को समाज और राष्ट्र विरोधी तत्वों को पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शाकाहारी प्रोडक्ट जैसे तेल, साबुन, टूथपेस्ट, शहद आदि की बिक्री के लिए भी हलाल सर्टिफिकेट दिया जा रहा है, जबकि शाकाहारी वस्तुओं पर ऐसे किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती है। जाहिर है कि एक समुदाय विशेष और उनके प्रोडक्ट के खिलाफ षड्यंत्र किया जा रहा है। इसके साथ ही एक वर्ग विशेष के जरिए प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है कि ऐसे उत्पादों का इस्तेमाल न करें। जिसे इनकी कंपनी से हलाल प्रमाण पत्र न दिया गया हो।

चुनिंदा कंपनियां ही देती हैं हलाल सर्टिफिकेट

भारत में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया सर्टिफिकेशन (एफएसएसएआई) करीब सभी प्रोसेस्ड खाने पर देखा जा सकता है। मगर ये अथॉरिटी भारत में हलाल सर्टिफिकेट नहीं देती है। भारत में हलाल सर्टिफिकेट देने वाली महत्वपूर्ण कंपनियां हैं। जैसे, हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जमात उलेमा-ए-महाराष्ट्र और जमात उलेमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट।

हलाल का मतलब... जो वैध हो

हलाल एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब है जायज (वैध)। हलाल बिजनेस कई तरह के हो सकते हैं। जैसे- खाना, दवाइयां, कॉस्मैटिक्स, कपड़े, टूरिज्म, अकाउंटिंग, बैंकिंग, फाइनेंस आदि।

क्यों है इस पर विवाद ?

साल 2022 के अप्रैल महीने में सुप्रीम कोर्ट में वकील विभोर आनंद की ओर से दायर याचिका में हलाल उत्पादों और हलाल प्रमाणीकरण पर बैन लगाने की मांग की गई थी। दावा किया गया था कि इन उत्पादों का उपयोग करने वाली 15% आबादी के लिए 85% नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।

किस-किस के खिलाफ दर्ज हुई FIR ?

लखनऊ के थाने में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र के खिलाफ भी केस हुआ है। हलाल सर्टिफिकेशन देकर सामान बेचने वाली अज्ञात कंपनियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। आईपीसी की धारा 120B, 153-A, 298, 384, 420, 467, 468, 471 और 505 के तहत केस दर्ज किया गया है।

ये खबर भी पढ़िए..

मनमर्जी से नहीं ले पाएंगे लोन और क्रेडिट कार्ड, नए नियम जारी, जानें कौन-कौन से नियमों को किया सख्‍त

हलाल प्रोडक्ट्स की बिक्री पर क्या लगेगा बैन ?

यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े प्रोडक्ट्स की बिक्री पर बैन लगाया जा सकता है। कुछ कंपनियां हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर गड़बड़ी कर रही थीं। वो डेयरी, चीनी, नमकीन, कपड़ा, मसाले और साबुन को भी हलाल सर्टिफाइड कर रहे थे। इन प्रोडक्ट्स को हलाल होने का सर्टिफिकेट दे रही थीं। योगी सरकार ने इसका संज्ञान ले लिया है। माना जा रहा है कि कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

Halal certification in Uttar Pradesh उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन योगी का बड़ा एक्शन Halal certification Ban in up case registered against companies and institutions in Lucknow यूपी में बैन होगा हलाल सर्टिफिकेशन कंपनियों और संस्थाओं पवर लखनऊ में केस दर्ज