प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) ने नई व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी (Vehicle Scrappage Policy) का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि नई स्क्रैपज पॉलिसी से आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। इससे देश में 10 हजार करोड़ रुपये का नया निवेश आने की उम्मीद है। साथ ही, अगले 25 साल में बहुत कुछ बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए मॉबिलिटी बड़ा फैक्टर है, आर्थिक विकास में ये काफी मददगार होगा। साथ ही इससे ज्यादा रोजगार पैदा होंगे।
क्या है स्क्रैपेज पॉलिसी
स्क्रैप पॉलिसी के तहत 15 और 20 साल पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप (कबाड़) कर दिया जाएगा। कमर्शियल गाड़ी जहां 15 साल बाद कबाड़ घोषित हो सकेंगी, वहीं निजी कार के लिए यह समय 20 साल है। यानी आपकी 20 साल पुरानी निजी कार को रद्दी माल की तरह कबाड़ में बेच दिया जाएगा। वाहन मालिकों को तय समय बाद ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर ले जाना होगा। सरकार का दावा है कि स्क्रैपिंग पॉलिसी से वाहन मालिकों का न केवल आर्थिक नुकसान कम होगा, बल्कि उनके जीवन की सुरक्षा हो सकेगी। सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी होगी।
1 अक्टूबर 2021 से लागू होंगे नियम
पॉलिसी के मुताबिक, 20 साल पुराने ऐसे वाहन जो फिटनेस टेस्ट पास नहीं कर पाएंगे या दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाएंगे, उनको डी-रजिस्टर किया जाएगा। उनका पहले का रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से खत्म किया जाएगा, ताकि वे सड़क पर चलने योग्य ना रहें। इसके अलावा 15 साल पुराने प्राइवेट वाहनों को दोबारा रजिस्टर्ड कराने के लिए ज्यादा पैसा देना होगा। फिटनेस टेस्ट और स्क्रैपिंग सेंटर से जुड़े नियम 1 अक्टूबर 2021 से लागू होंगे।
ये भी होंगे फायदे
-स्क्रैपिंग सेंटर द्वारा पुराने वाहन के लिए दी गई स्क्रैप कीमत, एक नए वाहन की एक्स-शोरूम कीमत का लगभग 4-6% होगी।
-राज्य सरकारें , स्क्रैप कराने वाले वाहन मालिकों को रोड टैक्स पर, निजी वाहनों के लिए 25 फीसदी तक और कमर्शियल वाहनों के लिए 15 फीसदी तक की छूट दे सकती है।
-नया वाहन वाहन खरीदने पर कीमत में 5 फीसदी की छूट भी मिल सकती है।
-इसके अलावा, स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट के बदले नए वाहन की खरीद के लिए पंजीकरण शुल्क भी माफ करने का भी प्रावधान हो सकता है।