नई दिल्ली. सिंगर संध्या मुखर्जी (Sandhya Mukherjee) उर्फ संध्या मुखोपाध्याय ने पद्मश्री (Padma Shri) सम्मान की पेशकश को स्वीकार करने से मना कर दिया। केंद्र सरकार के अधिकारियों ने सम्मान के लिए उनकी सहमति की खातिर उनसे फोन पर संपर्क किया था। इससे पहले पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने भी पद्म भूषण सम्मान लेने से मना कर दिया था।
पद्मश्री देना बेहद अपमानजनक: संध्या मुखर्जी की बेटी सौमी सेनगुप्ता ने कहा, '90 साल की उम्र में, करीब आठ दशकों से ज्यादा के सिंगिंग करियर के साथ पद्मश्री के लिए चुना जाना उनके लिए अपमानजनक है। पद्म श्री किसी जूनियर कलाकार के लिए अधिक योग्य है, न कि 'गीताश्री' संध्या मुखोपाध्याय के लिए। उनका परिवार और उनके गीतों के सभी प्रेमी भी यही महसूस करते हैं।' कई लोगों ने गायिका के इस फैसले का समर्थन किया है।'
पूर्व मुख्यमंत्री ने भी ठुकाराया था सम्मान: ये पहला मामला नहीं है जब किसी ने पद्म पुरस्कार लेने से इनकार किया हो। इससे पहले बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने भी पद्म भूषण सम्मान स्वीकार नहीं करने का ऐलान किया था। बुद्धदेव और गुलाम नबी आजाद को उनके सार्वजनिक क्षेत्र में योगदान के लिए यह पुरस्कार दिए जाने का ऐलान किया गया था। बुद्धदेव ने कहा कि मैं पद्म भूषण पुरस्कार दिए जाने के बारे में कुछ नहीं जानता। किसी ने मुझे इसके बारे में कुछ नहीं बताया। अगर उन्होंने मुझे पद्म भूषण पुरस्कार दिया है तो मैं इसे अस्वीकार कर रहा हूं।
Right thing to do. He wants to be Azad not Ghulam. https://t.co/iMWF00S9Ib
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 25, 2022
बुद्धदेव की पत्नी ने जताया था आभार: गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी को पद्म भूषण दिए जाने के बारे में जानकारी दी गई थी और उन्होंने इसके लिए गृह मंत्रालय का आभार भी जताया था।
गुलाम नबी आजाद की सफाई: कांग्रेस नेता गुलाब नबी आजाद को भी पद्म पुरस्कार देने का ऐलान किया गया था। इसके बाद गुलाम की ट्विटर बायो से कांग्रेस का नाम हटाए जाने की अफवाह फैलने लगी। इस पर गुलाम ने लिखा कि मेरे प्रोफाइल से कुछ भी जोड़ा या हटाया नहीं गया है, ये पहले जैसा ही है। कुछ लोग भ्रम पैदा करने के लिए ऐसी खबरें फैला रहे हैं।
2008 के बाद पद्म पुरस्कार पाने वाले गुलाम नबी आजाद दूसरे कांग्रेसी नेता हैं। 2008 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पद्म विभूषण से नवाजा गया था। उस दौरान वे यूपीए सरकार में मंत्री भी थे। प्रणब मुखर्जी को 2019 में भारत रत्न सम्मान भी दिया गया।