वोटिंग का इतिहास: उम्र 21 से 18 की गई थी, राजीव का ये मास्ट्रक स्ट्रोक कैसे उल्टा पड़ा? जानें

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वोटिंग का इतिहास: उम्र 21 से 18 की गई थी, राजीव का ये मास्ट्रक स्ट्रोक कैसे उल्टा पड़ा? जानें

नई दिल्ली. आज यानी 20 दिसंबर से ठीक 33 साल पहले प्रधानमंत्री राजीव गांधी (pm rajeev gandhi) ने एक अहम फैसला लिया था। इस फैसले से साल 1988 में वोटिंग (Voting history) की उम्र 21 साल से घटाकर 18 साल की गई थी। संसद से इस 62वें संविधान संशोधन (62nd Constitution Amendment) को मंजूरी मिली। 28 मार्च 1989 में इसे लागू किया गया था। इसी साल लोकसभा के चुनाव होने थे। कांग्रेस सरकार को उम्मीद थी कि ये फैसला 1989 के लोकसभा चुनाव (189 Loksabha election) के लिहाज से मास्ट्रर स्ट्रोक साबित होगा। लेकिन ये खुद राजीव सरकार के खिलाफ चला गया।

कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनने लगा था

1988 में इलाहाबाद लोकसभा उपचुनाव में वीपी सिंह (VP Singh) ने कांग्रेस के उम्मीदवार को हराकर जीत दर्ज की। इसी साल महेंद्र सिंह टिकैट (Mahendra singh tikait) की अगुवाई में किसानों ने दिल्ली में डेरा डाल लिया था। उधर बोफोर्स (Bofors scandal) का मुद्दा भी गरमाता जा रहा था। साथ ही अयोध्या के मंदिर-मस्जिद विवाद भी बीजेपी जोर-शोर से उठा रही थी। इस कारण कांग्रेस को अपने खिलाफ माहौल दिखना शुरू होने लगा था। राजीव सरकार (Ranjeev Gandhi Govt) को उम्मीद थी कि अच्छे दिन और युवा जोश जैसे जुमले से उनकी सरकार में वापसी होगी। 

साढ़े चार करोड़ नए वोटर बने

1979-80 के लोकसभा चुनाव के समय देश में वोटरों की कुल संख्या लगभग 35.5 करोड़ थी जो 1984 के लोकसभा चुनावों के समय तक बढ़ कर 37.9 करोड़ हो गई थी। 1989 में इसे बढ़ कर 40 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा था लेकिन जैसे ही 18 से 21 वर्ष के लोगों को वोटर लिस्ट में जोड़ा गया, देश में वोटरों की संख्या बढ़ कर 44.7 करोड़ तक पहुंच गई। यानी इस नए कानून की वजह से तकरीबन साढ़े चार करोड़ नए लोग वोटर बन गए। 

वीपी सिंह की सरकार बनी

वोटिंग राइट मिलने से जोश में आए नौजवान राजीव गांधी की रैली की बजाए विपक्षी गठबंधन रामो-वामो (राष्ट्रीय मोर्चा और वाम मोर्चा) की रैलियों में जुटने लगे और एंटी कांग्रेस-एंटी राजीव गांधी का माहौल बनना शुरू हुआ। राष्ट्रीय मोर्च के सबसे बड़े घटक जनता दल ने चुनाव में 143 सीटें जीतीं। कांग्रेस के खाते में 197 सीटें आईं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 85 सीटें जीतीं। ने चुनाव के बाद वीपी सिंह प्रधानमंत्री। उन्होंने चुनाव के बाद बीजेपी और वामदलों के सहयोग से केंद्र में सरकार बनाई।

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