KOLKATA: मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी पर CM ममता ने दिया ये रिएक्शन, मिनिस्टर की करीबी अर्पिता चला रही थी 12 फर्जी कंपनियां

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Atul Tiwari
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KOLKATA: मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी पर CM ममता ने दिया ये रिएक्शन, मिनिस्टर की करीबी अर्पिता चला रही थी 12 फर्जी कंपनियां

KOLKATA. मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने अपनी बात रखी है। ममता के मुताबिक, मैं चाहती हूं कि सच्चाई सामने आए। मैं भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती। सभी लोग एक जैसे नहीं होते। शिक्षक भर्ती घोटाला (SSC Scam) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ममता सरकार के कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया है।



ममता ने कहा, एक निश्चित समय सीमा के अंदर सच्चाई के आधार पर फैसला दिया जाना चाहिए। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी जाती है।



बंगाल वापस लाए जाएंगे पार्थ



पार्थ चटर्जी को भुवनेश्वर एम्स ने छुट्टी देने की बात कही है। उन्हें वापस बंगाल लाया जाएगा। पार्थ का मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए एम्स ने कहा, "हमने उनकी सारी रिपोर्ट देखी। उनको किडनी और थॉयरायड की दिक्कत है। उन्हें 3-4 बीमारियां हैं, लेकिन उनको कोई गंभीर बीमारी नहीं है। उनको अस्पताल में दाखिल कराने की जरूरत नहीं है, इसलिए हम उनको छुट्टी दे रहे हैं। हमने कोर्ट को रिपोर्ट भेज दी है।" भुवनेश्वर एम्स के डॉ. आशुतोष विश्वास ने बताया कि पार्थ के लिए 4 सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था। 



पार्थ चटर्जी को जांच के लिए ओडिशा के एम्स में भेजे जाने पर प्रदेश की राजनीतिक गरमा गई है। तृणमूल पर चौतरफा हमला किया जा रहा है। यहां तक कहा जा रहा है कि आखिर क्यों इतना महंगा जहाज करके पार्थ को भुवनेश्वर भेजा गया।



सीने पर हाथ रखकर बोले पार्थ-ठीक नहीं हूं



भुवनेश्वर में एंबुलेंस में उठने से पहले जब पत्रकारों ने उनसे पूछा- दादा कैसे हैं। वे कुछ नहीं बोले, बस सीने पर हाथ रखकर इशारा किया, ठीक नहीं हूं। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, उन्हें सोमवार को एयर एम्बुलेंस से भुवनेश्वर के एम्स में शिफ्ट किया गया। इस दौरान एसएसकेएम अस्पताल के एक डॉक्टर और उनके वकील उनके साथ गए। शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। जहां गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद उन्हें कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने ईडी को पार्थ चटर्जी को 25 जुलाई की सुबह 'एयर एम्बुलेंस' से एम्स भुवनेश्वर ले जाने का 24 जुलाई को निर्देश दिया था। 



फर्जी कंपनियां चला रही थीं मंत्री पार्थ की करीबी



ईडी (Enforcement Directorate) के एक सीनियर अधिकारी ने बताया है कि बंगाल के स्कूल जॉब स्कैम (Bengal School Job Scam) की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) 12 फर्जी कंपनियां चला रही थीं। ईडी के आधिकारी के अनुसार ऐसी कंपनियों से जुड़े दस्तावेज जांच एजेंसी ने 23 जुलाई की शाम अर्पिता के फ्लैट में छापेमारी के दौरान बरामद किए थे। ईडी को शक है कि इस मामले में ओडिशा और तमिलनाडु के कुछ कम जानेमाने लोग भी शामिल हो सकते हैं। अर्पिता मुखर्जी कुछ बांग्ला और उड़िया फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं।



ईडी के अफसर ने ये भी कहा कि हम इस बात का पता लगाने की भी कोशिश कर रहे हैं कि क्या अर्पिता ने किसी फिल्म प्रोडक्शन हाउस में निवेश किया है? हमारे पास कई दस्तावेज, फाइल और साइन किए हुए कागजात हैं जो इस बात की ओर इशारा करते हैं।  


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