संजय गुप्ता, INDORE. देशभर में तेजी से ऑनलाइन गेम्स लोगों की पसंद बनते जा रहे हैं। खासकर युवा और छात्रों को इन गेम्स में काफी दिलचस्पी है। डेटा के अनुसार ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने पिछले 3 साल में 58 हजार करोड़ के इनाम बांटे हैं। लेकिन ये इनामी राशि किसी ने भी इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दिखाई। यदि किसी माइनर को आय हुई है तो उसके पालक को ये आय दिखाना जरूरी है और मेजर है तो उसे ये आय इनकम टैक्स रिटर्न भरकर दिखाना जरूरी है। सीबीडीटी चेयरमैन नितिन गुप्ता ने करदाता से इस आय पर बकाया टैक्स देने की बात कही है। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसा नहीं करने पर टैक्स और पेनल्टी वसूली की कार्रवाई होगी और इसके लिए नोटिस जारी होंगे।
200 फीसदी पेनल्टी का प्रावधान
इन गेमिंग कंपनी की दी गई इनामी राशि पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है और इस आय को नहीं बताने पर 200 फीसदी पेनल्टी का भी प्रावधान है। देश में लाखों लोग ऑनलाइन गेम्स खेलते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स ?
सीए नारायण सोमानी ने बताया कि सामान्यतः इन गेमिंग कंपनियों को जीती हुए राशि देने से पूर्व उस पर टीडीएस करना होता है लेकिन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर चल रही ऐसी अनेक कंपनियां इन नियमों का पालन किए बिना ये गेमिंग एप्लीकेशन चला रही हैं। हाल ही में आयकर विभाग ने कई बड़े शहरों में छापे में ये बात सामने आई है। इन छापों में मिली जानकारी के आधार पर नोटिस जारी किए जाएंगे। गेमिंग से होने वाली आय के सामने कोई भी खर्चे की छूट नहीं मिलती है और अधिकतम दर से टैक्स लगता है, ऐसी आय पर बेसिक एक्जेम्शन वाली ढाई लाख की छूट भी नहीं मिलेगी।
रिटर्न में दिखाकर बच सकते हैं उपभोक्ता
सीए पंकज शाह ने कहा कि आयकर विभाग ने लोगों से आग्रह किया है कि अगर पिछले सालों में ऐसी कोई आय रिटर्न में दर्शाने से छूट गई है तो उसे अपडेटेड रिटर्न की नई सुविधा का लाभ लेते हुए घोषित कर देने से पेनल्टी से बचा जा सकता है। नई सुविधा का उपयोग करते हुए 1 लाख लोग रिटर्न दाखिल कर चुके हैं। अपडेटेड रिटर्न फाइल करने पर टैक्स और ब्याज की राशि पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत लगता है लेकिन इससे नोटिस आने की और पेनल्टी लगने की संभावना खत्म हो जाती है।