द सूत्र, भोपाल। सस्ते दर पर 4जी तकनीक (4G technology) मुहैया कराने को लेकर टेलीकॉम कंपनियों (Telecom companies) के बीच होड़ बढ़ने के साथ ही कॉल ड्रॉप (Call drop) की समस्या भी लगातार बढ़ रही है। पिछले कुछ दिनों में पूरे प्रदेश में कॉल ड्राप को लेकर लगातार शिकायते आ रही हैं। लेकिन टेलीकॉम कंपनीया इसके उलट किसी भी तरह की कॉल ड्रॉप की समस्या से साफ इंकार कर रही हैं। कॉल ड्रॉप को लेकर ‘ट्राई’ (Trai) कई बार टेलीकॉम कंपनीयों को कड़ी फटकार लगाने के साथ लाखों रुपए का जुर्माना भी लगा चुकी है। इसके बावजूद अपने आर्थिक फायदे के लिए टेलीकॉम कंपनिया यूजर्स (Users) का शोषण करने पर अमादा है। एक आंकड़े के मुताबिक कॉल ड्रॉप की समस्या के चलते अकेले एमपी में एक महीने में 3.81 लाख मोबाइल यूजर्स कम हो गए। टेलीकॉम कंपनियों के बीच कस्टमर (Customer) बढ़ाने के लेकर होड़ मची हुई है। कंपनियां जिस तेजी से अपने कस्टमर बढ़ा रहीं हैं। उस हिसाब से अपना नेटवर्क (Network) सिस्टम अपग्रेड नहीं कर पाई हैं। जिसकी वजह से एक निश्चित क्षमता वाले नेटवर्क सिस्टम पर क्षमता से तीन-चार गुना यूजर्स का दबाव बढ़ गया है। कमजोर नेटवर्क सिस्टम पर लगातार यूजर्स की संख्या का बढ़ना कॉल ड्रॉप का कारण है। अक्सर जब आप स्ट्रांग नेटवर्क रेंज होते है, तब बात करते-करते फोन का कट जाना। या कॉल के बीच में किसी तीसरे की आवाज सुनाई देती है। या फिर बार-बार कॉल का न लगना ही कॉल ड्रॉप है। कॉल ड्रॉप से सिर्फ आम यूजर्स ही परेशान नही है, बल्कि कॉल ड्रॉप की समस्या से देश के प्रधानमंत्री मोदी भी दो-चार हो चुके है। 2018 में नई दिल्ली एयरपोर्ट से अपने आधिकारिक आवास तक पहुंचने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को कॉल ड्राप की समस्या का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद ‘ट्राई’ ने टेलिकॉम कंपनियों पर कॉल ड्रॉप को लेकर शिकंजा कसते हुए लाखों रुपए का जुर्माना (Fines) भी लगाया था। लेकिन इसके बाद भी कॉल ड्रॉप की समस्या दूर नहीं हो रही है।
कॉल ड्रॉप की समस्या
डिजिटल इंडिया में क्यों हो रहा कॉल ड्रॉप, एमपी के 7.88 करोड़ उपभोक्ताओं को कौन देगा पूरी कॉल? जैसे तमाम सवाल इस समय मध्यप्रदेश के कई मोबाइल यूजर्स के मन में उठ रहे हैं। कारण बीते 10-15 दिनों से प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में बढ़ रही कॉल ड्रॉप की समस्या है। बात करते-करते फोन का कट जाना, बीच में ही किसी एक ओर से आवाज का सुनाई न देना या कॉल ही नहीं लगना जैसी समस्याओं से लोग परेशान है। सबसे ज्यादा समस्या वर्क फ्रॉम होम में काम कर रहे लोगों को आ रही है। मिसरोद में रहने वाले निखिल दुबे और सलैया के पास रहने वाले रामशंकर सोनी बीते कुछ दिनों से इस तरह की ही दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। निखिल दुबे बताते हैं कि वह जियो नेटवर्क यूज करते हैं। 10-15 दिनों से दिक्कत आ रही है। कॉल ड्रॉप होने से वर्क फ्रॉम होम में काम करने में परेशानी हो रही है। वहीं रामशंकर सोनी ने बताया कि वह आयडिया जिसे अब वी के नाम से भी जाना जाता है के यूजर हैं। 15-20 दिनों से दिक्कत आ रही है। ऑफिस में किसी से बात करते हैं तो बीच में ही कॉल कट जाता है। आवाज आना बंद हो जाती है। ऑफिस का 90 फीसदी काम तो मोबाइल लेपटॉप से ही हो रहा है। ऐसे में यदि ये समस्या आएगी तो कैसे सरवाइव कर पाएंगे।
25 फीसदी तक रिचार्ज महंगे पर सर्विस कमजोर
एयरटेल और वोडाफोन आयडिया के बाद जियो ने भी 1 दिसंबर में अपने प्रीपेड रिचार्ज प्लान 25 फीसदी तक महंगे कर दिए। अब इसे संयोग कहे या कुछ और पर इसी समय से कॉल ड्रॉप की अचानक समस्या बढ़ गई। नारायण तिवारी का स्पष्ट कहना है कि एक ओर तो रिचार्ज महंगे करते जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सर्विस कमजोर होती जा रही है।
सर्विस प्रोवाइडर बदलने की सोच रहे उपभोक्ता
लगातार हो रहे कॉल ड्रॉप की समस्या से परेषान होकर यूजर्स अब सर्विस प्रोवाइडर भी बदलने की सोच रहे हैं। 20 सालों से एयरटेल के यूजर रहे अषोक शर्मा का कहना है कि वह एक सप्ताह से बेहद परेशान है और जल्द ही यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह सिम को पोर्ट भी करा सकते हैं। रामशंकर सोनी भी इन्हीं समस्याओं से परेशान होकर सर्विस प्रोवाइडर को बदलना चाह रहे हैं।
कॉल ड्रॉप की समस्या से मोदी भी हो चुके हैं दो-चार
ट्राई ने कॉल ड्रॉप की समस्या को लेकर 1 अक्टूबर 2017 को बेंचमार्क सेट किया था। पर इसका असर दिसंबर 2018 में तब देखने को मिला जब ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों पर 56 लाख का जुर्माना लगाया दिया। दरअसल हुआ ये कि सितंबर 2018 में नई दिल्ली एयरपोर्ट से अपने आधिकारिक आवास तक पहुंचने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कॉल ड्राप की समस्या का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद ट्राई ने टेलिकॉम कंपनियों पर कॉल ड्रॉप को लेकर शिकंजा कसा। ट्राई ने 2018 में आयडिया पर पहली और दूसरी तिमाही में क्रमशः 10 लाख रुपये और 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) पर भी इन दोनों तिमाही के लिए क्रमशः 2 लाख और 4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। नियामक ने भारती एयरटेल के साथ विलय करने वाली कंपनी टेलीनोर पर भी 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
5 से 10 लाख तक है जुर्माने का प्रावधान
टेलिकॉम रेगुलेटरी ऑफ इंडिया (ट्राई) के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल से मिली जानकारी के अनुसार बात करते-करते नेटवर्क गायब होने के साथ-साथ बातचीत के दौरान आवाज सुनाई न देना, आवाज अटकना या नेटवर्क कमजोर होने जैसी समस्याओं को भी कॉल ड्रॉप में शामिल किया गया है। ट्राई के सलाहकार विनोद गुप्ता ने बताया कॉल ड्रॉप पर 5 से 10 लाख तक के जुर्माने का भी प्रावधान है, लेकिन हर महीने 2 फीसदी से कम कॉल ड्रॉप तकनीकी दायरे में आएगी और बाकी पर कंपनियों को जुर्माना देना होगा।
क्यों होती है कॉल ड्रॉप
59 फीसदी कॉल ड्रॉप कमजोर नेटवर्क के कारण होती है। इसके पीछे कहीं मेंटनेंस का काम चल रहा हो या केबल में फाल्ट होना हो सकता है। टेली-कम्यूनीकेषन के इंजीनियर गौरव गुप्ता ने बताया कि जब ऑपरेटर ट्रेफिक ज्यादा होने पर कॉल हैंडिल नहीं कर पाता। तब कॉल ड्रॉप होने की संभावना बढ़ जाती है। यह समस्या तब से ज्यादा बढ़ी है जब जियो ने लोअर टैरिफ के साथ प्लान लांच किए तो बाकि ऑपरेटर एयरटेल, वोडाफोन, आयडिया, बीएलएनएल ने लोअर कास्ट पर अपना नेटवर्क अपडेट किया पर उनके पास स्विच, बैंडविथ में इतनी कैपिसिटी नहीं है कि वह सारे कॉल को एक साथ कनेक्ट कर पाए। यह समस्या सबसे ज्यादा शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक होती है, जब ट्रैफिक सबसे ज्यादा होता है। अस्थायी समाधान तो यही है कि डिवाइस को रिस्टार्ट कर लें। राउटर को शट-डाउन कर लें। स्थायी समाधान तो तब ही होगा जब ऑपरेटर अपने नेटवर्क को अपग्रेड कर लेगा।
एमपी में एक महीने में 3.81 लाख मोबाइल यूजर्स हुए कम
यह आंकड़ा चौकाने वाला है। ट्राई की सितंबर में आई रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में एक महीने में 3 लाख 81 हजार 143 मोबाइल यूजर्स कम हुए हैं। जानकार बताते हैं कि अधिकतर मोबाइल यूजर्स डबल सिम वाले मोबाइल यूज कर रहे हैं। कोविड महामारी ने लोगों को आर्थिक क्षति पहुंचाई है। जिसके कारण अब बहुत से उपभोक्ता हर महीने दो सर्विस प्रोवइडर या ऑपरेटर की सिम को रिचार्ज करने का खर्चा नहीं उठा पा रहे। यही कारण है कि अगस्त 2021 की तुलना में सितंबर 2021 में 3.81 लाख लोगों ने अपना नेटवर्क छोड़ दिया। इस एक माह में 58 हजार 17 लोगों ने बीएसएनएल, 81 हजार 31 ने एयरटेल, 1 लाख 8 हजार 605 ने वोडाफोन आयडिया और 1 लाख 33 हजार 490 लोगों ने जियो सिम बंद कर दी।
एमपी में 7.88 करोड़ मोबाइल यूजर्स
मध्यप्रदेष में 7 करोड़ 88 लाख 59 हजार 255 मोबाइल यूजर्स है। ट्राई से मिली जानकारी के अनुसार बीएसएनएल के 60 लाख 7 हजार 209, एयरटेल के 1 करोड़ 54 लाख 59 हजार 137, वोडाफोन आयडिया के 2 करोड़ 7 लाख 87 हजार 588 और जियो के 3 करोड़ 66 लाख 5 हजार 321 उपभोक्ता हैं।
कॉल ड्रॉप की समस्या को मानने से ही इंकार
मध्यप्रदेश के मोबाइल यूजर्स भले ही कॉल ड्रॉप की समस्या से हर रोज परेशान हो रहे हो, लेकिन सर्विस प्रोवाइडर के जिम्मेदार अधिकारियों ने इस तरह की किसी भी समस्या से ही इंकार कर दिया है। द सूत्र ने इस संबंध में बीएसएनएल के प्रधान महाप्रबंधक शुभेन्दु तिवारी से बात की तो उनके अनुसार कहीं कोई समस्या नहीं है, बल्कि बीएसएलएन का नेटवर्क बेहतर तरीके से काम कर रहा है। इसी तरह एयरटेल के अधिकारी मनीष चतुर्वेदी, आयडिया के अधिकारी सोनेलाल सिंह और जियो के अधिकारी मुकेश दीक्षित से बात की तो पहले उन्होंने बात करने से ही इंकार कर दिया, लेकिन जब उन्हें बताया कि द सूत्र को यह नंबर ट्राई से मिले हैं तो उन्होंने कहा कि वह जानकारी देने के लिए अधिकृत नहीं है। कॉल ड्रॉप की समस्या भी नहीं है, पर फिर भी टेक्नीकल टीम को हमारा नंबर दे रहे हैं और वह हमसे संपर्क करेगी, पर घंटों बीत जाने के बाद भी द सूत्र के पास किसी टेक्नीकल टीम का कोई फोन नहीं आया।
आखिर कहां करें अपनी शिकायत
बड़ा सवाल यह है कि यदि आप लगातार कॉल ड्रॉप से संबंधित समस्या का सामना कर रहे हैं तो फिर आप इसकी कहां षिकायत कर सकते हैं। ट्राई के सलाहकार विनोद गुप्ता के अनुसार सभी सर्विस प्रोवाइडर के पास 198 शिकायत नंबर होता है, जिस पर आप कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यदि आपकी षिकायत की सुनवाई नहीं हो तो 198 पर ही कॉल कर इसकी अपील भी की जा सकती है।
ट्राई को ऐसे करें अपनी शिकायत
गुगल प्ले स्टोर पर जाकर ट्राई माय कॉल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद आप जब भी अपने मोबाइल से बात करेंगे उसकी एक हिस्ट्री इस ऐप में सेव हो जाएगी। आप अपनी कॉल को रेटिंग दे सकते हैं। सबसे पहले आपको यह बताना होगा कि आपने कॉल इनडोर, आउटडोर या ट्रेवल के दौरान की। इसके बाद जब आप इस कॉल को कम रेटिंग देंगे तो वह आपसे इसका कारण पूछेगा। आपको कॉल ड्रॉप या पूअर नेटवर्क में से किसी एक विकल्प को सलेक्ट करना है। इसके बाद एडिषनल इंफॉर्मेषन पर जाकर आप शोर, वनवे ऑडियो, इको इन कॉल, ऑडियो डिले जैसे विकल्प को चुनना होगा। आप इसमें कोई अतिरिक्त समस्या की भी जानकारी दे सकते हैं। इसके बाद जैसे ही आप इसे सबमिट करेंगे, यह जानकारी सीधे ट्राई तक पहुंच जाएगी और वह आपकी इस समस्या का संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगा।
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