नई दिल्ली. तेल के बढ़ते दाम केंद्र सरकार (Central Govt) के लिए सिरदर्द बना हुआ है। अब इसे काबू में रखने के इरादे से भारत अपने पेट्रोलियम भंडार से 50 बैरल कच्चा तेल (Crude oil release) रिलीज करेगा। तेल की ये निकासी अमेरिका (America), चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे कच्चे तेल के बड़े उपभोक्ता देशों के साथ विचार-विमर्श के बाद होगी। यह पहला मौका है जब भारत अपने सुरक्षित व सामरिक तेल भंडार से कच्चा तेल बाजार में जारी करेगा।
ओपेक को झुकाने के लिए फैसला
तेल उत्पादक देशों का संगठन 'ओपेक' उत्पादन बढ़ाकर दामों में कमी लाने को तैयार नहीं हो रहा है। क्रूड ऑयल का उत्पादन सीमित रखा हुआ है। इस वजह से इंटरनेशनल मार्केट में इसकी कीमतें लगातार चढ़ी हुई हैं।
भारत जैसे कच्चे तेल के बड़े उपभोक्ता देशों के बार-बार कहने पर भी हालात में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिला है। ऐसे में अमेरिका के कहने के बाद भारत ने भी अपने रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व (Strategic Petroleum Reserve) से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल रिलीज करने पर सहमति जता दी है।
अमेरिका 500 लाख बैरल जारी करेगा
इसी तरह अमेरिका भी अपने सामरिक पेट्रोलियम भंडार से 500 लाख बैरल कच्चा तेल जारी करेगा। यह उसकी रोजाना की तेल खपत के बराबर होगा। अमेरिका में रोज 480 लाख बैरल तेल की खपत होती है। इस समय इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम अभी 78 डॉलर प्रति बैरल पर हैं।
ओपेक क्या है
ओपेक पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन है। OPEC ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब और वेनेजुएला द्वारा सितंबर, 1960 को बगदाद सम्मेलन में बनाया गया एक स्थायी, अंतर सरकारी संगठन है। इसमें ईरान, इराक, यूएई और सऊदी समेत 13 देश हैं। OPEC देशों के अलावा जो देश ऑयल एक्सपोर्ट करते हैं उन्हें OPEC+ देश कहा जाता है। OPEC+ में रूस, ओमान, मैक्सिको, मलेशिया समेत 10 देश शामिल हैं।
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