NEWDELHI. संसद के अंदर सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के आरोप के मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद मोइत्रा मोइत्रा को लेकर एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को शुक्रवार 10 नवंबर को ये रिपोर्ट सौंप दी गई है। सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में बीजेपी के सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली कमेटी ने ओम बिरला से मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की।
रिपोर्ट पर महुआ ने कहा
महुआ मोइत्रा ने रिपोर्ट को लेकर कहा, पूरा मामला ही मजाक है। ऐसा इसलिए क्योंकि बीजेपी मीडिया कह रही है कि सवाल पूछने के बदले पैसे का मामला है, लेकिन 500 पेज की रिपोर्ट मैं पैसे को लेकर कोई सबूत नहीं है। मोइत्रा ने कहा था कि ये सब पहले से फिक्स मैच था। उन्होंने कहा कि यह भारत में लोकतंत्र की मौत है। इन आरोपों को खारिज करते हुए विनोद सोनकर ने कहा कि पहले से ही विस्तृत चर्चा हो चुकी थी। मीटिंग सिर्फ रिपोर्ट अडॉप्ट करने के लिए थी। रिपोर्ट को संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा के पटल पर रखा जाएगा।
विपक्षी सांसदों ने समिति को ही गलत बताया
इस मामले को लेकर आचार समिति ने रिपोर्ट गुरुवार, 9 नवंबर को स्वीकार की थी। रिपोर्ट के पक्ष में छह सदस्य थे वहीं विरोध में चार लोगों ने वोट किया। रिपोर्ट का समर्थन करने वाले में कांग्रेस सांसद और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर भी थी। रिपोर्ट का विरोध करने वाले विपक्षी सांसदों ने समिति की गलत बताया। समिति में शामिल एन उत्तम कुमार रेड्डी और वी वैथिलिंगम, बसपा के दानिश अली, जनता दल (यूनाइटेड) के गिरधारी यादव और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पी. नटराजन ने असहमति के नोट दिए हैं।
ये है मामला
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा संसद में अडानी ग्रुप के मामले में सवाल करने के लिए दर्शन हीरानंदानी से पैसे और गिफ्ट लिए। इसको लेकर हीरानंदानी का साइन किया हुआ एफिडेविट सामने आया। इसमें उन्होंने कहा कि मोइत्रा को उन्होंने पैसे दिए। मोइत्रा संसद में अडानी के मामले में सवाल पीएम मोदी की छवि खराब करने के लिए कर रही थी।