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BHOPAL. अजब गजब एमपी में मामले में अजब गजब सुनने और देखने को मिलते है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से भी अजीब मामला सामने आया है। भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर खड़ी वंदे भारत ट्रेन में पेशाब करने चढ़ा शख्स ट्रेन में फंसा और उज्जैन पहुंच गया। इधर उसका परिवार भोपाल स्टेशन पर ही खड़ा रह गया। दरअसल वंदे भारत में फंसे व्यक्ति के पास किसी और ट्रेन का आगे की यात्रा के टिकट थे। वंदे भारत में बिना टिकट पकड़े जाने पर युवक पर एक हजार का जुर्माना लगाया गया है। ट्रेन में पेशाब करने के लिए चढ़ जाना अब्दुल कादिर को महंगा पड़ा, उसे जुर्माना समेत 6 हजार रुपए की चपत लगी।
क्या है पूरा मामला
भोपाल में वंदे भारत ट्रेन में पेशाब करने चढ़े शख्स का अब्दुल कादिर है जो एमपी के सिंगरौली के बैढ़न का रहने वाला है। अब्दुल कादिर का हैदराबाद में व्यापार है। यहा बेगम बाजार में ड्रॉई फ्रूट की दुकान है। साथ ही सिंगरोली में भी एक ड्राई फ्रूट की दुकान है। 14 जुलाई को कादिर अपनी पत्नी और 8 साल के बेटे के साथ दक्षिण एक्सप्रेस ट्रेन से हैदराबाद से सिंगरौली के लिए रवाना हुए थे। उनका रिजर्वेशन सेकेंड एसी कोच में था। पूरा परिवार के साथ 15 जुलाई की शाम 5.20 पर ट्रेन से भोपाल पहुंचा सिंगरौली के लिए इनकी ट्रेन रात के 8.55 पर रवाना होनी थी। ट्रेन को ज्यादा का समय होने पर अब्दुल ने परिवार सहित खाना खाने के लिए बाहर जाने का सोचा। पूरा परिवार प्लेटफॉर्म पर उतर आया, इतने में अब्दुल को पेशाब लगी, वह दूसरे प्लेटफॉर्म पर खड़ी इंदौर जाने वाली वंदे भारत ट्रेन की बाथरू में चला गया। और ट्रेन इंदौर के लिए आगे बढ़ गई।
बंद हुए गेट, टीटी और पुलिस ने नहीं की मदद
अब्दुल कादिर के मुताबिक वह शाम के 7:24 पर ट्रेन में दाखिल हुआ था और 7:25 पर वंदेभारत चल दी, वह घबरा गया और जैसे ही बाथरूम से बाहर आया तो देखा कि ट्रेन के गेट लॉक हो गए हैं, वंदेभारत के गेट ऑटोमैटिक लॉक होने के कारण कादिर उन्हें खोल नहीं सका, ट्रेन भोपाल स्टेशन से आगे बढ़ गई। कादिर का कहना है कि उसने अलग-अलग बोगियों में मौजूद तीन टीटी, दो महिलाओं और 2 पुरूष पुलिस कर्मियों से मदद मांगी और ट्रेन रुकवाने का कहा, लेकिन उन लोगों ने कहा कि गेट केवल ड्राइवर ही खोल सकता है। जब वह ड्राइवर के पास जाने के लिए बढ़ा तो उसे रोक लिया गया। कादिर ने कहा कि टीटी ने ट्रेन में चढ़ने पर 1020 रुपए का टिकट (फाइन के साथ) बनाया, उज्जैन में ट्रेन से उतरने के बाद वह 750 रुपए खर्च कर बस से भोपाल पहुंचा।
पत्नी के साथ बीमार बेटा था, सिंगरौली की ट्रेन भी छूट गई
कादिर के ट्रेन में फंसने के बाद उसकी पत्नी बीमार बेटे को लेकर भोपाल स्टेशन पर ही बैठी रही, बीमार बेटे को लेकर दंपत्ति परेशान होत् रहे, कादिर के नहीं कहने पर पत्नी ने सिंगरौली जाने वाली ट्रेन छोड़ दी, इस तरह कादिर को 4 हजार रुपए का ट्रेन के टिकट का नुकसान हुआ। 1000 रुपए का फाइन वंदे भारत में लगा और करीब 800 रुपए उज्जैन से भोपाल आने के लिए खर्चा हुआ, कादिर को अपनी एक गलती के कारण लग 6 हजार रुपए से ज्यादा की चपत गई है।
झेलना पड़ा मानसिक और आर्थिक परेशानी
कादिर का आरोप है कि वंदे भारत ट्रेन में इमरजेंसी सिस्टम नहीं होने के कारण पूरे परिवार को आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा है, उनकी इस घटना ने वंदे भारत में इमरजेंसी सिस्टम की खामियों को उजागर किया है कि अगर इमरजेंसी में वंदे भारत ट्रेन को रोकना हो तो कैसे रोकी जाएगी, कादिर का कहना है कि जहां पर जानमाल का नुकसान होने की आशंका हो वहां पर इमरजेंसी सिस्टम तो होना ही चाहिए, लेकिन मुझे इस ट्रेन में वह नहीं दिखाई दिया।
ट्रेन चलने से पहले होता है अनाउंसमेंट
भोपाल रेल मंडल के पीआरओ सूबेदार सिंह का कहना है कि ट्रेन चलने से पहले अनाउंसमेंट किया जाता है कि गेट किस तरफ खुलेगा, दरवाजा लॉक हो रहा है, और फिर ट्रेन चलने से पहले गेट को लॉक कर दिया जाता है, मैं खुद वंदे भारत ट्रेन में यात्रा करके आया हूं, मैंने खुद अनाउंसमेंट को सुना है, यात्रियों की सुरक्षा के लिए यह सिस्टम बनाया गया है, जिससे कि चलती ट्रेन में चढ़ने के दौरान कोई गिरकर हादसे का शिकार ना हो, अगर ट्रेन को रोकने की बात की जाए तो ट्रेन को ऊपर से आदेश मिलने के बाद ही रोका जाता है।