अमृतपाल के संगठन वारिस पंजाब दे पर पुलिस की कार्रवाई, अब तक 112 करीबी गिरफ्तार, चाचा और ड्राइवर का सरेंडर

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BP Shrivastava
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अमृतपाल के संगठन वारिस पंजाब दे पर पुलिस की कार्रवाई, अब तक 112 करीबी गिरफ्तार, चाचा और ड्राइवर का सरेंडर

NEW DELHI. वारिस पंजाब दे संगठन और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के संगठन पर पंजाब पुलिस की कार्रवाई जारी है। रविवार (19 मार्च) को उसके 34 लोगों को और गिरफ्तार किया गया। इस हिसाब से अब तक अमृतपाल के 112 करीबियों को दबोच लिया गया है। वहीं, पुलिस ने उस गाड़ी को भी बरामद कर लिया, जिससे वह फरार हुआ था। इसी बीच अमृतपाल के चाचा और गाड़ी के ड्राइवर ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। पंजाब में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। चप्पे चप्पे पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। हर जिले में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान फ्लैग मार्च कर रहे हैं। वहीं पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी हाई अलर्ट कर दिया गया है। मामले में अमृतपाल के पिता ने आरोप लगाया है कि पुलिस अमृतपाल की गिरफ्तारी ना दिखाकर उसका एनकाउंटर करना चाहती है।



पंजाब पुलिस का बयान



पंजाब पुलिस ने रविवार (19 मार्च) को बयान जारी कर बताया कि भगोड़े अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में शान्ति और कानून व्यवस्था को भंग करने की कोशिश करने वाले व्यक्तियों को रोकने के लिए गिरफ्तारियां की जा रही हैं। अब तक उसके 112 समर्थक और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।



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अमृतपाल की गाड़ी बरामद



जालंधर में महतपुर के सलीना गांव से अमृतपाल की PB 10 FW6797 नंबर वाली एक लावारिस ईसूजूकार बरामद की गई। बताया जा रहा है कि अमृतपाल सिंह इसी गाड़ी से फरार हुआ था। इस गाड़ी से एक 315 बोर राइफल समेत 57 जिंदा कारतूस, एक तलवार और एक वॉकी-टॉकी सेट बरामद किया गया है। यह गाड़ी अनोखरवाल के मनप्रीत सिंह की है। उसे भी गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस के मुताबिक, सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखी जा रही है। अगर कोई भ्रामक खब अफवाहें और नफरती भाषण देता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसे लेकर सोशल मीडिया कंपनियों को भी निगरानी रखने के लिए कहा गया है। पंजाब पुलिस ने राज्य के लोगों से अपील की है कि वे झूठी खबरों और अफवाहों पर ध्यान न दें। 



चाचा और ड्राइवर का सरेंडर



अमृतपाल के चाचा हरिजीत और ड्राइवर हरप्रीत ने रविवार (19 मार्च) को सरेंडर कर दिया है। दोनों ने मेहतपुर में पुलिस के सामने सरेंडर किया।



एककेएफ नाम से अपनी फोर्स बना रहा था अमृतपाल



अमृतपाल आनंदपुर खालसा फोर्स नाम से अपना फोर्स बना रहा था। पुलिस ने अमृतपाल के घर से एककेएफ मार्क वाली जैकेट्स बरामद की हैं। उसके जल्लूपुर खेड़ा गांव स्थित घर के गेट और दीवार पर भी एककेएफ लिखवाया गया था। उसके घर और साथियों से बरामद हथियारों पर भी एककेएफ लिखा मिला है। यानी इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि अमृतपाल सिंह आनंदपुर खालसा फोर्स नाम से प्राइवेट आर्मी बना रहा था। आखिर अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे के अलावा एककेएफ नाम का संगठन क्यों खड़ा करना चाहता था? पुलिस इस बारे में गिरफ्तार किए गए उसके साथियों से भी पूछताछ कर रही है।



अमृतपाल के पिता ने क्या कहा 



अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि पंजाब पुलिस और सरकारें अमृतपाल सिंह को बदनाम करना चाहती हैं। इसलिए कभी उसका नाम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ जोड़ा जा रहा है तो कभी उस पर गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के आरोप लगाए जा रहे हैं। तरसेम सिंह ने कहा कि दुबई से लौटने के बाद अमृतपाल सिंह के व्यवहार में अचानक परिवर्तन हो गया और उसका स्वभाव उग्र होने लगा था। दुबई में वह किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करता था और उसने अपने बाल भी कटवा लिए थे। कहने पर  भी गुरुद्वारा नहीं जाता था, लेकिन पंजाब में जब धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामले बढ़ने लगे तो धर्म में उसकी रुचि बढ़ गई। अमृतपाल के पिता ने आशंका जताई है कि पुलिस उसकी गिरफ्तारी की सूचना न देकर उसका एनकाउंटर करना चाहती है। 


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