त्योहारों पर हम बाजारों से मावा लाते हैं या दुकानों पर बनी मिठाईयों को खाते हैं, लेकिन क्या हम जानते हैं कि जिस मावा (खोया) को हम खा रहे हैं, वह असली है या नकली। इसका पता लगा पाना आसान नहीं है। अब इस समस्या का हल मथुरा के खाद्य विभाग ने ढूंड निकाला है। उन्होंने बताया कि एक खास केमिकल की मदद से आप मात्र 15 मिनट में यह जान सकते हैं कि, मावा असली है या नकली।
क्या है हाईटेक टेस्टिंग वैन?
मथुरा के खाद्य विभाग ने बताया कि उनके द्वारा उपयोग में लाई जा रही हाईटेक टेस्टिंग वैन कुछ ही समय में खाने की चीजों जैसे- मिठाई, मावा, दाल, चावल, दूध और दही की शुद्धता जांच सकती है। विभाग के कर्मचारी वेदांत सारस्वत ने बताया कि इस वैन में अत्याधुनिक उपकरण लगे हुए हैं, जो कुछ ही मिनटों में खाद्य पदार्थों की जांच कर सकते हैं।
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इस केमिकल से जांच सकते हैं मावा की शुद्धता
खाद्य पदार्थों की शुद्धता जांचने के लिए आयोडीन टिंचर नामक केमिकल का उपयोग किया जाता है। इस केमिकल की 4 बूंद मावे के नमूने पर डालें और टेस्ट ट्यूब में थोड़ा सा मिनरल वॉटर मिलाएं, अगर मावे का रंग बैंगनी हो जाता है तो वह असली है। अगर बूंदें मावे को काला कर दें, तो वह मावा नकली है।
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नकली मावा ला सकता है गंभीर बीमारियां
बताते चलें कि बाजारों में नकली मावे का उपयोग आमतौर पर मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थों में किया जाता है। यह न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। इसलिए घर पर या खाद्य विभाग की मदद से मिठाईयों और मावे की जांच करना बेहद जरूरी हो गया है। अब आसानी से जान पाएंगे कि हम जो मावा खा रहे हैं, वह असली है या नकली।
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